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    लाखों की ठगी करने वाला फर्जी IAS ललित किशोर यूपी में गिरफ्तार, पूछताछ में खोले चौंकाने वाले राज

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 09:05 PM (IST)

    बांका में लाखों की ठगी करने के आरोप में ललित किशोर नामक एक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है। ललित किशोर पर फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर लो ...और पढ़ें

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    फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार।

    संवाद सूत्र, बांका। बांका में एनजीओ व कोचिंग सेंटर की आड़ में दर्जनों युवाओं को नौकरी देने के नाम पर लाखों की ठगी के आरोपी ललित किशोर कुमार उर्फ गौरव कुमार को यूपी के गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरव कुमार पर बांका थाने में ठगी के दो केस दर्ज हैं। यहां से चालीस से पचास लाख रुपये अलग-अलग लोगों से ठगी की है।

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    कुछ दुकानदारों ने नकदी व कई सामान लेकर रातों रात भागने का आरोप है। गोरखपुर पुलिस द्वारा पकड़ाने पर बांका पुलिस पूछताछ के लिए उसे रिमांड ले सकती है। ज्ञात हो कि बांका से फरार होने के बाद सीतामढ़ी निवासी ललित किशोर कुमार उर्फ गौरव कुमार फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर गोरखपुर में ठगी करता था। पुलिस ने उसके दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

    गिरोह पिछले छह महीने से नौकरी और सरकारी विभागों में टेंडर दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ठग रहा था। ललित खुद को आईएएस (2022 बैच) बताकर प्रभावित करता और टेंडर के नाम पर 10 प्रतिशत कमीशन मांगता था। काम न होने पर रकम वापस करने का भरोसा दिलाकर वह लोगों को अपने जाल में फंसा लेता था और बाद में ठिकाना बदल देता था।

    गोरखपुर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के नेतृत्व में ललित सहित अन्य को धनघटा बाजार (संत कबीरनगर) से गिरफ्तार किया। इनके पास से 4.15 लाख रुपये नकद, 30 ग्राम सोना, 50 ग्राम चांदी और एक बोलेरो वाहन बरामद किया गया। जांच में सामने आया कि ललित के खिलाफ 30 से अधिक मामले दर्ज हैं।

    गिरोह ने कनाडा के नागरिक परिसर उपाध्याय से 25 लाख रुपये, गोरखपुर के कई लोगों से हजारों–लाखों रुपये, और बिहार के मुजफ्फरपुर में 10 लाख रुपये लेकर फरार हो चुका था। फर्जी साक्षात्कार, नकली दस्तावेज और नकली मुद्रा का इस्तेमाल कर यह गिरोह लोगों को नौकरी और टेंडर देने का भरोसा दिलाता था।

    पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सक्रिय था। इनके निशाने पर वे लोग होते थे जो नौकरी या सरकारी टेंडर की तलाश में रहते थे। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि इसने चार लड़कियों को गर्लफेंंड बनाया था, जिसमें तीन के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है।