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    Fake IAS Gaurav Kumar: पुलिस की ढिलाई से ललित से फर्जी आईएएस बना गौरव, गोरखपुर में हुआ अरेस्ट

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 06:30 PM (IST)

    बिहार के बांका जिले से ललित नामक एक व्यक्ति पुलिस की ढिलाई के कारण फर्जी आईएएस बनकर गौरव बन गया। गौरव को गोरखपुर में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की ला ...और पढ़ें

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    पुलिस की ढिलाई से ललित से फर्जी आईएएस बना गौरव, गोरखपुर में हुआ अरेस्ट

    जागरण संवाददाता, बांका। जिले में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के तीन मामले दर्ज होने के बावजूद पुलिस की ढ़िलाई ने ठग ललित किशोर कुमार को यूपी के गोरखपुर जिले में फर्जी आईएएस गौरव कुमार सिंह बनने का मौका दिया। बांका के टाउन थाने में उसके खिलाफ वर्ष 2023 में कई लोगों ने नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगी की शिकायत पुलिस से की गई थी। इसमें महिला व पुरुष दोनों शामिल हैं।

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    तत्कालीन थानाध्यक्ष ने केस दर्ज के बाद फाइल को कहा छोड़ दिया गया कि आजतक उसकी गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं हुए। यहां तक कि कोर्ट तक में भी वारंट के लिए प्रयास नहीं हुए। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर वह बांका से फरार हुआ और बाद में उत्तर प्रदेश को अपना नया ठिकाना बना लिया।

    जानकारी के अनुसार, 2017 में ललित ने वेलफेयर सोसायटी नामक एनजीओ का जिला समन्वयक बनकर प्रवेश किया। एनजीओ के दिन लदने के बाद उसने आदित्य 30 नामक कोचिंग संस्थान की शुरुआत की। इसके लिए बाबू टोला, अलीगंज व बांका-कटोरिया रोड में तीन स्थानों पर अपना कार्यालय खोला।

    समाजसेवा के नाम पर एक बार उसने झारखंड के रांची में तत्कालीन एक राज्यपाल के हाथों प्रशस्ति पत्र भी लेकर भौकाल बनाया था। कोचिंग के आड़ में गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाई से लेकर गरीब महिलाओं के बीच साड़ी व कंबल भी वितरण करते थे। कोरोना काल में मास्क सैनिटाइजर तक बांटे।

    शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का रिश्तेदार बनकर सरकारी स्कूलों में किया था परीक्षा का आयोजन

    नामांकन के लिए परीक्षा का आयोजन कराने लगा। इससे भी जब मन नहीं भरा तो उसने यूट्यूबर बनकर जिला प्रशासन के ग्रुप में शामिल हो गया। वैसे उसकी संदिग्ध गतिविधियों को लेकर तत्कालीन डीएम तक कुछ लोगों ने बात पहुंचाई थी। पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।

    एकाएक दो साल पहले अपने तीनों आवास को रातोंरात खाली कर फरार हुए तो बांका, मुंगेर एवं झारखंड के गोड्डा की कुछ महिलाओं ने नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की शिकायत की। खुद उसके मकान मालिक जब उसके दिये गये पते पर सीतामढ़ी जिला स्थित घर गया तो खपरैल के बंद घर में ललित के बारे में उसके स्वजन को कुछ जानकारी नहीं मिली।

    इसी बीच बांका से भागने के बाद उसने अपना नाम बदलकर गौरव कुमार सिंह कर लिया और गोरखपुर में फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर ठगी का नया खेल शुरू कर दिया। स्थानीय स्तर पर खुद को एक सीनियर अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हुए उसने कई लोगों को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश की।

    अगर बांका पुलिस समय रहते सतर्क होती और उसके खिलाफ दर्ज मामलों पर कार्रवाई करती, तो शायद वह इस तरह की नई पहचान बनाकर दूसरों को भ्रमित नहीं कर पाता। वैसे पुलिस ने कहा कि ललित पर दर्ज मामले की जांच कराई जा रही है।