गलत सुई देने से हुई थी मरीज की मौत, डॉक्टर को मिली 10 साल की सजा
बांका जिले में बीस साल पुराने मामले में एक डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है।
बांका [जेएनएन]। सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर रंजन और उनके दो कंपाउंडर को बांका की अदालत ने इलाज में लापरवाही बरतने और मरीज का शव छिपाने के आरोप में दोषी पाते हुए शुक्रवार को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम केके महथा की अदालत ने दी।
जानकारी के अनुसार शंभूगंज अस्पताल में पदस्थापित रहने के दौरान डॉ. सुधीर बाजार में ही एक क्लिनिक चलाते थे। 30 जुलाई 1996 को क्लिनिक में इलाज के दौरान ही पास के बंशीपुर निवासी सदन कुमार ङ्क्षसह की मौत हो गई थी। वे रक्तचाप के मरीज थे। इलाज के दौरान कंपाउंडर की गलत तरीके से सूई दे देने से उसकी मौत हो गई।
हंगामा नहीं मचे इसको देखते हुए दोनों कंपाउंडर ने शव को पास में बालू के नीचे दबा कर छिपाने का प्रयास किया। बाद में परिजन ने इस खोज निकाला। इसके बाद सदन के पिता इंद्रमोहन सिंह ने पुत्र के लापता करने की प्राथमिकी कंपाउंडर जगत मंडल और भोला प्रसाद सिंह के खिलाफ दर्ज कराई थी।
जगत मंडल केहनीचक तथा भोला बिरनौधा के रहने वाले थे। इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने क्लिनिक संचालक डॉ. सुधीर रंजन का नाम भी प्राथमिकी में जोड़ा।
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अदालत ने दस गवाहों का पक्ष सुनने के बाद चिकित्सक और उसके कंपाउंडर को दोषी पाया और सजा सुनाई। इस मामले में अभियोजन पक्ष से शोभा कुमारी तथा बचाव पक्ष से ज्योर्तिनंदन झा ने बहस में हिस्सा लिया। फैसला को लेकर सुबह अदालत परिसर में गहमा-गहमी बनी रही। सदन कुमार सिंह के सभी परिजन भी अदालत में मौजूद थे। फैसले पर उन्होंने संतोष जताया।
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