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    आजादी के सात दशक बाद भी विकास से कोसों दूर धावाटांड़ गांव, बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते ग्रामीण

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:35 AM (IST)

    बांका जिले के बेलहर विधानसभा क्षेत्र में धावाटांड़ नामक एक गांव है जो आज भी विकास की मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यहाँ सड़क शिक्षा स्वास्थ्य और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। गांव तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्तों का सामना करना पड़ता है जिससे ग्रामीणों को काफी कठिनाई होती है। जदयू विधायक ने जल्द ही विकास कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।

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    आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित धावाटांड़ गांव

    संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। बेलहर विधानसभा सीट पर वर्ष 2005 से लगातार एनडीए गठबंधन का कब्जा रहा है और जदयू के विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। बावजूद इसके क्षेत्र के कई गांव अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। बेलहर प्रखंड के बसमाता पंचायत अंतर्गत बेलहरना डैम के किनारे बसा धावाटांड़ गांव इसका जीता-जागता उदाहरण है।

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    लगभग 60 परिवारों की आबादी वाला यह गांव डैम निर्माण के दौरान विस्थापितों को बसाया गया था, लेकिन सात दशक बाद भी यहां विकास की रोशनी नहीं पहुंच सकी है।गांव तक पहुंचने के लिए जंगली और पहाड़ी जैसे दुर्गम रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।

    पक्की सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शादी-ब्याह जैसे शुभ अवसरों पर भी दूल्हा-दुल्हन की गाड़ियां गांव तक नहीं पहुंच पातीं। नई नवेली दुल्हनों को बाइक पर बैठाकर ‘द्वार लगाई’ की रस्म पूरी करनी पड़ती है।

    बीमार और प्रसव पीड़ित महिलाओं को ग्रामीण आज भी खटोली पर टांगकर आधा किलोमीटर दूर खड़े वाहनों तक ले जाने को मजबूर हैं।शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति भी बेहद खराब है। गांव के स्कूल में पढ़ाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है।

    वहीं स्वास्थ्य विभाग का कदम गांव में शायद ही कभी पड़ा हो। ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के सात दशक और कई सरकारें बदलने के बाद भी उनकी तकदीर नहीं बदली। सड़क, शिक्षा, सिंचाई, पेयजल और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की घोर कमी है।

    ग्रामीण सीताराम यादव ने कहा आजादी के सात दशक बाद भी हमारे गांव की तस्वीर नहीं बदली। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई की घोर समस्या है।

    ग्रामीण बालेश्वर खैरा ने कहा सड़क नहीं होने से शादी-ब्याह में दूल्हा-दुल्हन को बाइक से लाना-ले जाना पड़ता है। मरीजों को खटोली पर टांगकर दूर खड़े वाहन तक ले जाना पड़ता है।

    ग्रामीण पितांबर यादव ने कहा स्कूल में शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ होता है। शिकायत करने पर भी कोई सुनने वाला नहीं है।

    ग्रामीण अशोक यादव ने कहा हम डैम विस्थापित हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन से भी विस्थापित कर दिए गए हैं। विकास का स्वाद अब तक नहीं चखा है।

    कोटक्षेत्र के विकास को गति देने के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर करीब 50 सड़कों का टेंडर जारी किया जाएगा, जिसमें धावाटांड़ गांव की सड़क भी शामिल है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में क्षेत्र में विकास की तस्वीर बदलेगी।-मनोज यादव , जदयू विधायक, बेलहर