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    Kanwar Yatra 2025: किसी के कंधे पर कांवड़ तो कोई तिरंगा लेकर जा रहा बाबाधाम, सड़कों पर शिवभक्तों की भारी भीड़

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 12:49 PM (IST)

    बांका में श्रावणी मेले के दौरान कांवड़िया पथ पर शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। हर उम्र के लोग बाबाधाम की यात्रा कर रहे हैं जहाँ वे एक-दूसरे की मदद करते नजर आते हैं। पश्चिम बंगाल और पटना के भक्त अपने भारी और आकर्षक कांवड़ों के लिए जाने जाते हैं। युवाओं में भारी कांवड़ का क्रेज बढ़ रहा है।

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    किसी के कांधे पर मंदिर के स्वरूप का कांवड़ तो कोई तिरंगा लेकर जा रहे बाबाधाम। जागरण फोटो

    संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के अवसर पर कांवड़िया पथ पर शिवभक्तों का अद्वितीय उत्साह देखने को मिल रहा है। बूढ़े, युवा और दिव्यांग सभी एक साथ बाबाधाम की यात्रा कर रहे हैं। यात्रा के दौरान थकान या असमर्थता के बावजूद अन्य भक्त एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।

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    कांवड़ और जल लेकर यात्रा करने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल और पटना के शिवभक्त अपने वजनदार और आकर्षक कांवड़ के लिए जाने जाते हैं। कोलकाता और हावड़ा के भक्त विशेष रूप से वजनदार कांवड़ के लिए प्रसिद्ध हैं, जो केदारनाथ, अयोध्या के राम मंदिर और शिव प्रतिमा की झांकी लेकर बाबाधाम की यात्रा करते हैं।

    युवा शिवभक्तों में वजनदार कांवड़ का क्रेज बढ़ता जा रहा है और वे समूह में यात्रा करते हैं। इस वर्ष गेरुआ रंग के वस्त्रों के साथ-साथ महाकाल के भक्तों की तरह कपड़े पहनने का भी चलन बढ़ा है। कुछ शिवभक्त सादे कपड़े पहनकर यात्रा कर रहे हैं, जबकि अन्य फैशनेबल कपड़ों में नजर आ रहे हैं।

    पहले केवल गेरुआ वस्त्र प्रचलित थे, लेकिन अब विभिन्न प्रकार के वस्त्रों का चलन बढ़ गया है। कांवड़िया पथ पर देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिल रहा है, जहां भक्त हाथ में तिरंगा थामे हुए यात्रा कर रहे हैं। गुरुवार को, 14वें दिन, कांवरिया पथ पर शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।

    धौरी से जिलेबिया मोड़ तक पथ पर भीड़ खचाखच भरी हुई थी। सुबह से दोपहर तक उमस भरी गर्मी ने भक्तों को परेशान किया, लेकिन बाद में बादल छाने से राहत मिली। देर रात तक शिवभक्तों का आना-जाना जारी रहा।

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