World Coconut Day 2025: बांका में बढ़ी नारियल पानी की डिमांड, सेहत के लिए है फायदेमंद
बांका में विश्व नारियल दिवस पर नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान दे रही है। गर्मी में नारियल पानी की मांग बढ़ने से इसका बाजार बढ़ गया है जिसमें 20 लाख तक का कारोबार होता है। डाब आंध्र प्रदेश और बंगाल से आता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

संवाद सहयोगी, बांका। आज विश्व नारियल दिवस है। सरकार नारियल की खेती (डाब) को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दे रही है। राज्य सरकार की नारियल योजना के तहत इस बार एक हजार पौधे नारियल की लगाने की योजना बनाई है। खासकर नारियल की खफत बढ़ने के कारण यहां खेती काफी लाभ दायक होगी।
दरअसल, गर्मी के मौसम में शीतल पेय की भरमार रहती है, लेकिन इनमें नारियल पानी (डाब) की सबसे अधिक मांग होती है। डॉक्टर भी इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताते हैं। बांका में डाब का बड़ा बाजार है।
अनुमान है कि केवल गर्मी के मौसम में ही यहां 20 लाख रुपये से अधिक का कारोबार होता है। डाब की खेप मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बेंगलुरु से आती है। सबसे पहले यह मुंगेर पहुंचती है, जहां छंटाई के बाद बांका भेजी जाती है।
70 से 80 रुपये तक बिक रहा डाब
फलों के थोक विक्रेता और शिवाजी चौक निवासी रवि कुमार साह के अनुसार अब डाब हर मौसम में उपलब्ध हो रहा है, हालांकि कीमत में उतार-चढ़ाव रहता है। उन्होंने बताया कि बांका बाजार में इस समय छोटा डाब 60 रुपये और बड़ा डाब 80 रुपये तक बिक रहा है।
उनके मुताबिक डाब का व्यापार गर्मियों में 20 लाख रुपये तक आराम से पहुंच जाता है। पहले जहां डाब सिर्फ गर्मी में मिलता था, वहीं अब सालभर मिलना संभव है।
डाब से मिलते हैं कई स्वास्थ्य लाभ
डाब केवल स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। नारियल पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है, पाचन बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। यह प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर है। इतना ही नहीं, नारियल पानी त्वचा पर लगाने से यह माइस्चराइजर की तरह भी काम करता है। लोगों को नियमित रूप से डाब का सेवन करना चाहिए। -डॉ. शैलेंद्र कुमार, प्रभारी, पीएचसी, बांका
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