सोशल मीडिया के मैदान में लड़ी जा रही चुनावी जंग, डिजिटल प्रचार के लिए टीमें हायर कर रहे 'नेता जी'
बांका में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उम्मीदवारों ने डिजिटल माध्यमों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। फेसबुक इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई है। उम्मीदवार आईटी सेल और डिजिटल मैनेजरों की मदद ले रहे हैं। कई नेताओं ने डिजिटल प्रचार के लिए पेशेवर टीमें हायर की हैं जिससे उनका खर्चा बढ़ गया है।

बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, चुनावी रणनीतियों में भी तेजी से बदलाव दिखाई दे रहा है। अब उम्मीदवार केवल गली-मोहल्लों या जनसभाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इंटरनेट मीडिया का सहारा लेकर हर दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफार्म पर बधाई संदेशों, शुभकामनाओं और एक्टिविटीज की बाढ़ सी आ गई है। हर विधानसभा क्षेत्र में पांच से सात तक संभावित उम्मीदवार डिजिटल चेहरा गढ़ने में जुटे हुए हैं।
लोकप्रियता अब पोस्ट, रील और फालोअर्स की संख्या से आंकी जाने लगी है। नतीजतन परंपरागत कार्यकर्ताओं पर निर्भरता कुछ हद तक कम हुई है और आईटी सेल व डिजिटल मैनेजरों की अहमियत बढ़ गई है।
चर्चा है कि इसमें मंत्री से लेकर स्थानीय नेताओं तक ने डिजिटल प्रचार के लिए प्रोफेशनल टीमों को हायर किया है। इससे इनके लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। हालांकि, नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ताओं का स्थान उनके दिल में हमेशा रहेगा।
हरियाणा से टीम हायर
बांका विधानसभा से पूर्व मंत्री सह विधायक रामनारायण मंडल का आईटी सेल का काम उनके कार्यकर्ता ही संभाल रहे हैं। जबकि भाजपा के व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अनुपम गर्ग ने हरियाणा की छह सदस्यीय टीम को हायर किया है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कौशल सिंह ने पटना से आईटी सेल उतारा है, जिस पर आठ लाख से अधिक खर्च हो रहा है। निर्दलीय उम्मीदवार जवाहर झा के लिए दिल्ली की टीम पिछले एक साल से सक्रिय है। वहीं, धर्मरक्षक मनीष कुमार की भी अलग टीम मैदान में है।
अमरपुर के विधायक व भवन निर्माण मंत्री जयंत राज कुशवाहा की टीम उनके विकास कार्यों को प्रचारित कर रही है। कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार व सहकारिता बैंक के चेयरमैन जितेंद्र सिंह ने यूपी और लोकल टीम लगाई है, जो बूथ स्तर तक सूची तैयार कर चुकी है।
राजद नेता सह शिक्षाविद संजय सिंह चौहान के लिए भागलपुर की टीम काम कर रही है। धोरैया से जदयू के पूर्व विधायक मनीष कुमार लोकल टीम पर निर्भर हैं, जबकि राजद विधायक भूदेव चौधरी ने कहा कि उनके पास केवल एक फोटोग्राफर है।
विधायक डॉ. निक्की हेंब्रम ने हटा दी टीम
बेलहर के जदयू विधायक मनोज यादव भी सीमित डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कटोरिया से भाजपा विधायक डॉ. निक्की हेंब्रम ने फिलहाल टीम हटा दी है, जबकि रेखा हेंब्रम तीन अलग-अलग टीमों दिल्ली, पटना और यूपी के सहारे प्रचार कर रही हैं।
इस संबंध में बांका के विपिन सिंह ने कहा कि पहले नेता लोग घर-घर आते थे, अब मोबाइल पर दिखते हैं। देखने में अच्छा लगता है, पर असली काम वोट देने के बाद ही याद आता है। कुल मिलाकर, इस बार चुनावी नैया परंपरागत कार्यकर्ताओं से अधिक डिजिटल हथियारों पर तैरती नजर आ रही है।
लाखों रुपये खर्च कर उम्मीदवार दीवारों के पोस्टर से लेकर फेसबुक लाइव और इंस्टाग्राम रील तक हर मंच पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता किसके लाइक और शेयर को वोट में तब्दील करती है।
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