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    Bihar Election 2025: टिकट की चाह में पटना से दिल्ली तक की दौड़, कोई बेटा तो कोई खुद के लिए सेट कर रहा फील्डिंग

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 12:55 PM (IST)

    बांका जिले में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। पांच सीटों के लिए भाजपा जदयू और राजद के नेता टिकट पाने के लिए जोड़-तोड़ कर रहे हैं। वर्तमान विधायकों के साथ-साथ नए चेहरे भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। बांका विधानसभा सीट पर भाजपा और राजद के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है। अमरपुर में जदयू और कांग्रेस के बीच टक्कर है।

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    हर दलों में उम्मीदवारों की बढ़ी सक्रियता, अभी तक किसी का फाइनल नहीं

    बिजेन्द्र कुमार राजबंधु,बांका। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बांका जिले में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। जिले की पांच विधानसभा सीटों में फिलहाल दो पर भाजपा, दो जदयू और एक पर राजद का कब्जा है। सभी वर्तमान विधायक अपनी दावेदारी मजबूत मान रहे हैं, लेकिन टिकट की आधिकारिक घोषणा न होने से संभावित दावेदार पटना से दिल्ली तक पार्टी नेतृत्व को साधने में जुटे हैं।

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    बांका विधानसभा

    बात करें बांका विधानसभा की तो यहां से भाजपा विधायक रामनारायण मंडल लगातार छह बार के कार्यकाल के बाद एक बार फिर दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि उम्र का हवाला देकर पार्टी में ही कई चेहरे सक्रिय हो गए हैं। इनमें पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनुपम गर्ग, कौशल सिंह, रामानंद चौधरी, दिगंबर मंडल और राहुल डोकानिया शामिल हैं।

    मंडल ने पिछली बार राजद के पूर्व मंत्री डा. जावेद इकबाल अंसारी को 16,828 मतों से हराया था। इस बार जावेद के अलावा पूर्व उम्मीदवार जफरुल होदा, मु. जुम्मान और शमशेर जैसे नाम राजद खेमे में सुनने को मिल रहे हैं।

    अमरपुर विधानसभा

    अमरपुर विधानसभा सीट पर जदयू विधायक जयंत राज कुशवाहा हैं। वे बिहार के भवन निर्माण मंत्री भी हैं। उनकी अकेले ही दावेदारी लगभग पक्की मानी जा रही है। उन्होंने पिछली बार कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को 3,114 मतों से हराया था।

    कांग्रेस से इस बार भी पूर्व उम्मीदवार सह कॉपरेटिव बैंक अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का दावा है। पर उनके ही दल की जिलाध्यक्ष कंचना सिंह और पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने भी बायोडाटा सौंपा है। जबकि उनके सहयोगी दल राजद से शिक्षाविद संजय चौहान और राजीव कुशवाहा के नाम चर्चा में हैं।

    वहीं लोजपा से 2020 में 40 हजार मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे पूर्व प्रत्याशी रहे डा. मृणाल शेखर की भूमिका भी सक्रिय है। पर खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।

    बेलहर विधानसभा

    बेलहर विधानसभा यादव बाहुल्य है। यहां से वर्तमान जदयू विधायक मनोज यादव ने पिछली बार राजद के रामदेव यादव को 2,473 मतों से हराया था। इस बार उनकी दावेदारी फिर है, लेकिन जदयू से ही ओंकार यादव पटना–दिल्ली दौरा कर रहे हैं। मनोज दो बार जदयू के एमएलसी भी रहे हैं।

    सबसे चर्चा इस बात की है कि इस बार जदयू सांसद गिरिधारी यादव अपने पुत्र चाणक्य प्रकाश रंजन को मैदान में उतारना चाहते हैं। चाणक्य किस दल से लड़ेंगे, यह तय नहीं है, लेकिन अटकलें हैं कि वे राजद से उतर सकते हैं। इसके लिए वे मैदान में सक्रिय हैं।

    वहीं, राजद से पूर्व विधायक रामदेव यादव के साथ बांका के जिला परिषद अध्यक्ष राजेन्द्र यादव और शरद यादव व पूर्व जिला पार्षद मिठन यादव ऐसे नाम दावेदारों की सूची में हैं।

    धोरैया सीट (आरक्षित)

    यह मुस्लिम बाहुल्य है। यहां 2020 में राजद के भूदेव चौधरी ने जदयू के मनीष कुमार को 2,687 मतों से हराया था। इस बार भी दोनों के बीच सीधी टक्कर की संभावना है। अभी तक दोनों दलों से अन्य नाम उभरकर सामने नहीं आए हैं।

    कटोरिया सीट (अनुसूचित जनजाति आरक्षित):

    आदिवासी बाहुल्य है। यहां भाजपा की डॉ. निक्की हेम्ब्रम ने राजद की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को 6,421 मतों से हराया था। इस बार भी निक्की तैयारी में जुटी है, लेकिन भाजपा से उनकी ननद रेखा सोरेन सहित रेजीना हेंब्रम, सुशीला हेंब्रम, सुचित्रा गोड़ आदि के नाम चर्चा में हैं।

    राजद से पुनः स्वीटी सीमा हेम्ब्रम की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है। आने वाले समय में किस दल की क्या रणनीति होगी, यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि बांका जिले की सियासत में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है और टिकट बंटवारे के साथ ही समीकरण और भी दिलचस्प हो जाएंगे।

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