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    Bihar Chunav 2025: बांका का सियासी इतिहास: मुख्यमंत्री और सांसद दिए, तीसरे सदन का सपना अब भी अधूरा

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:29 PM (IST)

    बांका का राजनीतिक इतिहास समृद्ध रहा है जहाँ कई नेता मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बने। चंद्रशेखर सिंह मुख्यमंत्री बने और सांसद भी रहे। गिरिधारी यादव मनोज यादव और भूदेव चौधरी जैसे नेताओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिग्विजय सिंह सांसद और राज्यसभा सदस्य रहे। आगामी चुनावों में सभी की निगाहें नए राजनीतिक समीकरणों पर टिकी हैं क्या कोई नेता तीन सदनों में पहुंचने का रिकॉर्ड बनाएगा?

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    मुख्यमंत्री से सांसद तक, पर तीसरे सदन तक नहीं पहुंचे बांका के नेता

    बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। बांका का राजनीतिक इतिहास काफी समृद्ध रहा है। यहां के नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक की जिम्मेदारी निभाई है। बावजूद इसके, अब तक कोई भी नेता अपनी राजनीतिक पारी को तीसरे सदन तक नहीं बढ़ा सका है।

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    जिले से जुड़े कई दिग्गजों ने विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा तक का सफर तय किया, मगर किसी ने भी तीन अलग-अलग सदनों का सदस्य बनने का रिकॉर्ड नहीं बनाया।

    बात की जाए चंद्रशेखर सिंह की तो वे जमुई से आकर यहां कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे। 1980 के दशक में चंद्रशेखर सिंह बांका विधानसभा से विधायक बने और बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे।

    वे जिले से निकले उन नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने राज्य की राजनीति में अपनी मजबूत छाप छोड़ी है। बाद में वे बांका के सांसद भी बने। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी मनोरमा सिंह सांसद बनीं थीं।

    वर्तमान जदयू सांसद गिरिधारी यादव का सफर लोकसभा और विधानसभा तक का है। इसी तरह मनोज यादव पहले निर्दलीय एमएलसी बने। बाद में जदयू से दूसरी बार एमएलसी व बेलहर से विधायक बने हैं।

    धोरैया के राजद विधायक भूदेव चौधरी ने भी सांसद से विधायक बनने का सफर तय किया। वे 2009 में जमुई सुरक्षित सीट से जदयू के सांसद बने हैं।

    पूर्व केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह भी सांसद बने और बाद में राज्यसभा के सदस्य भी रहे। पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव व लोक सभा व विधान सभा सदस्य तक का सफर तय किया है। वहीं, जर्नादन यादव ने विधायक से राज्यसभा सदस्य बनने तक का सफर तय किया है। यह उदाहरण इस बात को साबित करता है कि बांका के नेताओं ने दो सदनों तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

    नए चुनावी समर की तैयारी

    आगामी चुनावी समर में जिले के माननीय फिर से रणनीति बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि बांका की धरती ने हमेशा बिहार और देश को मजबूत नेतृत्व दिया है। अब सवाल यह है कि आने वाले दिनों में क्या यहां से कोई ऐसा नेता उभरकर सामने आएगा जो तीसरे सदन तक का सफर तय कर इतिहास रचेगा।

    जनता की निगाहें अब नए राजनीतिक समीकरणों और उम्मीदवारों पर टिकी हुई हैं। चुनावी रणभेरी बजने से पहले ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं और माननीय फिर से जनता का विश्वास जीतने के लिए मैदान में सक्रिय हो रहे हैं।