छठ में घर लौटे 1 लाख प्रवासी वोटर तय करेंगे जीत-हार, बांका की 5 सीटों पर होगा असर
बांका में छठ के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके चलते प्रवासी मजदूरों का घर लौटना शुरू हो गया है। करीब एक लाख प्रवासी मजदूर वोट डालने के लिए वापस आ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि बेलहर और कटोरिया विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रवासी मतदाता हैं। मजदूरों का कहना है कि वे इस बार सोच-समझकर वोट करेंगे और सरकार बदलने के लिए भी तैयार हैं।

प्रवासी वोटर तय करेंगे जीत-हार
राहुल कुमार, बांका। इस बार विधानसभा का चुनाव छठ के बाद हो रहा है। छठ को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों का दिवाली से ही घर लौटना शुरु हो गया है। बड़े शहरों से आ रहे वाहन और ट्रेनों में भर-भर कर लोग रह रहे हैं। वे छठ में आने पर अबकी विधानसभा चुनाव का वोट डालकर ही वापस लौटेंगे।
जिला के दो लाख लोग से अधिक प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों में रहते हैं। कोरोना लाकडाउन के समय भी डेढ़ लाख कामगार बांका लौटे थे। इस हिसाब से एक लाख के करीब प्रवासी मजदूर यानी मतदाता के छठ में गांव लौटने की खबर है। इसमें अधिकांश चुनाव तक गांव में ही रहेंगे।
पांच विधानसभा क्षेत्र में निश्चित रूप से रिजल्ट बनाने वाला
छठ पूजा के तुरंत बाद जिला में धनकटनी तेज हो जाएगी। लौटे मजदूरों को गांव-घर में भी काम मिल जाएगा। इस दौरान उन्हें अपने बूथ पर मतदान का भी अवसर मिल जाएगा। एक लाख प्रवासी मजदूरों का वोट पांच विधानसभा क्षेत्र में निश्चित रूप से रिजल्ट बनाने वाला साबित होगा।
इससे अबकी जिला का मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा। यानी हर विधानसभा में 20 हजार के करीब ऐसे मतदाता लौटेंगे। लौटे प्रवासी मजदूरों की बातचीत पर आधारित खबर दी जाएगी। जानकारों के मुताबिक सबसे अधिक प्रवासी मतदाता बेलहर और कटोरिया विधानसभा में ही 50 हजार के करीब लौटेंगे।
सड़कों पर दिखने लगी आगमन की तस्वीर
बाकी तीन विधानसभा अमरपुर, बांका और धोरैया में भी इसकी संख्या 50 हजार होगी। यानी हर विधानसभा में 15 से 20 हजार प्रवासी मतदाता इस बार मतदान करेंगे। उनके आगमन की तस्वीर अभी ही सड़कों पर दिखने लगी है।
देवघर और भागलपुर से बांका जंक्शन पर पहुंच रही ट्रेन और बसों में लोग भरकर लौट रहे हैं। स्टेशन पर कोलकाता से लौटे दीपक राम, संतोष, राजेश आदि ने बताया कि वे लोग होटल में काम करते हैं।
पहली बार बिहार चुनाव में जनसुराज के नेता उनलोगों की आवाज उठा रहे हैं। वोट किसको देंगे यह गांव-घर में माहौल देखकर तय करेंगे। सूरत से लौटे रौशन सिंह, राजेश सिंह ने बताया कि हमलोग तो भाजपा को वोट देने वाले हैं। बिहार में भाजपा की सरकार बननी जरूरी है।
बस स्टैंड पर मिले दिल्ली से लौटे मजदूरों ने बताया कि हम लोग गांव का गांव पेट भरने के लिए सालों भर दिल्ली की सड़कों पर खाक छानते हैं। छठ मैया ने बुलाया है तो वोट देकर ही जाएंगे। इस सरकार ने 20 साल में हमलोेगों के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए सरकार बदलने के लिए वोट करेंगे।
पिछले चुनावों का मतदान प्रतिशत
2024 लोकसभा- 54 प्रतिशत
2019 लोकसभा-58.6 प्रतिशत
2020 विधानसभा-55.3 प्रतिशत

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