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    Bihar Bhumi: बांका और जमुई सहित 20 जिलों में शुरू होगा टोपोलैंड सर्वे, सरकार ने जारी किया ऑर्डर

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 02:52 PM (IST)

    बिहार में अब विशेष भूमि सर्वेक्षण के तहत टोपोलैंड यानि असर्वेक्षित ग्राम की श्रेणी में आने वाले राजस्व ग्रामों का भी सर्वे होगा। इसको लेकर राज्य सरकार ने 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र देकर इसी माह से अविलंब सर्वे कार्य शुरू करने को कहा है। विभाग ने चयनित अंचलों के मानचित्र के आधार पर इसका अवलोकन कर सर्वे कार्य शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया है।

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    बांका और जमुई सहित 20 जिलों में शुरू होगा टोपोलैंड सर्वे

    बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। जिले के पांच प्रखंडों बाराहाट, बेलहर, फुल्लीडुमर, कटोरिया व चांदन में भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। जबकि छह प्रखंडों में शुरू करने की कवायद तेज है। इसके लिए एक लाख 65 हजार से अधिक रैयतों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।

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    इसी बीच अब विशेष भूमि सर्वेक्षण के तहत टोपोलैंड यानि असर्वेक्षित ग्राम की श्रेणी में आने वाले राजस्व ग्रामों का भी सर्वे हाेगा। इसको लेकर राज्य सरकार के भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक ने बांका सहित 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र देकर इसी माह से अविलंब सर्वे कार्य शुरू करने को कहा है।

    विभाग ने चयनित अंचलों के मानचित्र के आधार पर इसका अवलोकन कर सर्वे कार्य शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया है।

    क्या है टोपोलैंड?

    अधिकांश नदियों के किनारे की जमीन को टोपोलैंड कहा जाता है। वैसी जमीन जिसका कभी भी सर्वे नहीं हुआ है। बारिश व बाढ़ के बाद जो कुछ वर्षों पर अपना रास्ता बदल लेती है। जिससे नए भूखंड का निर्माण होता है। ऐसी ही जमीन का सर्वे होगा।

    वैसे बांका जिला में 2000 के बाद कभी विकराल बाढ़ नहीं आई है। इस कारण रास्ते बदलने वाली बात यहां नहीं है। फिर भी नदी किनारे की जमीन का कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। कुछ लोग खेती कर रहे हैं।

    अमरपुर व बांका के चांदन नदी के बीच ही सड़क बना दी गई है। इसका सर्वे होने से अतिक्रमणकारियों को बेदखल होना होगा। ज्ञात हो कि बांका जिला में सबड़ी बड़ी नदी चांदन है।

    इसके अलावा ओढ़नी, सुखनिया, पैर,बदुआ सहित अन्य नदियों की संख्या है। वर्तमान हालत में इन नदियों की कई जमीन पर कुछ लोगों ने जबरन मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया है, इसलिए राज्य सरकार ने टोपोलैंड की जमीन का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इससे आनेवाले दिनों में जमीन विवाद का झंझट नहीं रहेगा।

    रैयतों से ली जा रही स्वघोषणा व वंशावली

    राज्य में प्रथम चरण का सर्वे कार्य चल रहा है। इसके लिए अंचलों का चयन कर वंशावली और स्वघोषणा पत्र रैयतों से प्राप्त किया जा रहा है। 

    निदेशक ने कहा कि स्थानीय शहरी निकायों की सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों को छोड़कर शेष समस्त भूमि का सर्वेक्षण कार्य अंचलों में चल रहा है।  विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि चयनित अंचलों के टोपोलैंड अथवा असर्वेक्षित श्रेणी में आने वाली भूमि का भी सर्वे हो जाए। फिलहाल शेष छह प्रखंड में सर्वे होगा।

    इन जिलों में टोपोलैड का होगा सर्वे

    बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, शेखपुरा ,सुपौल, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया, अरवल, शिवहर, बेगूसराय, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, नालंदा में टोपोलैंड का सर्वे किया जाएगा।

    पांच प्रखंडों में सर्वे कार्य अंतिम चरण में है। छह प्रखंडों में शुरू करने की कवायद जारी है। इसके लिए लेखा एंट्री लिया जा रहा है। सरकार का जो आदेश होगा उसके अनुसार आगे का काम टोपोलैंड में किया जाएगा। अरविंद कुमार, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, बांका

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