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    Banka News: मच्‍छरों से होने वाली ये बीमारी है बेहद तकलीफदायक, 205 लोग मिले संक्रमित; बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्‍यान

    घर के आसपास जमे गंदे पानी में ही क्यूलेक्स मच्छर पनपता है। संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से फाइलेरिया बीमारी फैलती है। बावजूद शहर से लेकर गांव तक की गलियों में बहने वाले गंदे पानी साथ नाली में जमा पानी को लोग नजरअंदाज कर रहे हैं। इस कारण फाइलेरिया मरीजों की बढ़ती संख्या पर विभाग गंभीर हो गया है। इसकी रोकथाम के लिए दवा खिलाने का अभियान चल रहा है।

    By Anil kumar sharma Edited By: Prateek Jain Updated: Sat, 24 Feb 2024 03:33 PM (IST)
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    Banka News: फाइलेरिया की दवा खिलाती आशा कार्यकर्ता।

    संवाद सूत्र, जयपुर (बांका)। घर के आसपास जमे गंदे पानी में ही क्यूलेक्स मच्छर पनपता है। संक्रमित क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से ही फाइलेरिया बीमारी फैलती है। बावजूद शहर से लेकर गांव तक की गलियों में बहने वाले गंदे पानी साथ नाली में जमा पानी को लोग नजरअंदाज कर रहे हैं।

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    इस कारण फाइलेरिया मरीजों की बढ़ती संख्या पर विभाग गंभीर हो गया है। इसकी रोकथाम के लिए दवा खिलाने का अभियान चल रहा है। विभाग का कहना है कि फाइलेरिया बीमारी रोगियों को मरने नहीं देती मगर मुर्दे के समान बना देती है।

    पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा हो रही संक्रमित

    फाइलेरिया मनुष्य के मुख्यतः तीन अंगों को ज्यादा प्रभावित करती है। पुरुषों के हाथ पैर एवं अंडकोष को संक्रमित करता है, जबकि महिलाओं में ज्यादा हाथ एवं पैर के साथ कम संख्या में स्तन को प्रभावित करता है। सबसे खास यह कि यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाए जा रहे हैं।

    जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि इसका मुख्य वजह गांव में महिलाएं सार्वजनिक हैंड पंप, नल या कुएं, नदी, डोभ या जोर में पानी भरती है। जहां पर घंटों महिलाएं स्नान करने के अलावे बर्तन कपड़े आदि धोती है। जहां से पानी निकास का समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गंदे पानी में पनपे ये मच्छर पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा संक्रमित करती है। 

    नाइट ब्लड सैंपल रिपोर्ट के आंकड़ा में पुरुषों की अपेक्षा 5 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं संक्रमित हैं। पिछले महीने ही स्वास्थ्य विभाग में 11 प्रखंडों के दो-दो नाइट ब्लड संग्रह केंद्रों पर 6600 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया था। जिसमें 205 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें महिलाएं ज्यादा पाई गई।

    फाइलेरिया से बचने के लिए क्या करें?

    फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है इसलिए सर्वप्रथम मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास गंदा पानी ना जमने दें। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिला रही है। उनका सहयोग करें। अफवाह से बचें दवा का सेवन करें।

    विभाग के मु.आरिफ इकबाल ने बताया फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति पर में सूजन ना हो इसका विशेष ध्यान रखें। हमेशा जूता या चप्पल का प्रयोग करें। पैर ज्यादा देर तक लटका कर ना बैठे, ज्यादा देर खड़े भी ना रहे, पैरों को हमेशा सुखा एवं साफ रखें।

    वहीं इस बीमारी से ग्रसित महिलाओं को पायल, बिछिया, कला धागा धारण नहीं करना चाहिए इसमें फंगस के साथ संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। ध्यान रहे फाइलेरिया शारीरिक विकलांगता के साथ-साथ मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डालता है।

    सबसे पहले इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को घर के आस-पास साफ सफाई मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। साल में एक बार फाइलेरिया की दवाई निश्चित तौर पर लेना चाहिए जो जो मनुष्य की सुरक्षा कवच का काम करता है। - डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी

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