Updated: Fri, 05 Sep 2025 01:26 PM (IST)
किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करा रही है। खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए यह योजना लागू है जिसमें प्रति हेक्टेयर 10 किलो बीज पर 75% तक की सब्सिडी मिलेगी। किसान उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
संवाद सूत्र, बांका। प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब वे प्याज की खेती का रकबा बढ़ा सकते हैं। इसके लिए सरकार ऐसे किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करा रही है। सबसे खास बात उद्यान विभाग की ओर से खरीफ और रबी दोनों मौसम में प्याज की खेती करने वाले किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।
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प्रति हेक्टेयर किसानों को 10 किलो बीज दिया जा रहा है। जिसपर 75 फीसद अनुदान मिल रहा है। एक किलो बीज की कीमत 2450 रुपए निर्धारित किया गया है। इस तरह एक हेक्टेयर के लिए 10 किलो यानी 24 हजार 500 का बीज लगेगा। जिसपर 75 फीसद अनुदान यानी 18 हजार 375 रुपए मिल रहा है।
एक किसान अधिकतम पांच एकड़ यानी दो हेक्टेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं। उद्यान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में खरीफ मौसम के लिए बांका जिले को 10 हेक्टेयर में प्याज की खेती का लक्ष्य दिया गया था।
विभागीय पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर किसानों को अनुदानित दर पर सौ किलो बीज का वितरण किया गया। इसके साथ ही रबी मौसम में प्याज की खेती के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है।
उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। रबी मौसम में 20 हेक्टेयर में प्याज की खेती का लक्ष्य रखा गया है। यानी किसानों को अनुदानित दर पर 200 किलो बीज दिया जाएगा। योजना का लाभ किसानों को पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा। किसानों को नवंबर महीने में बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा।
किसानों की बढ़ेगी आय
किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य स्कीम मद से प्याज क्षेत्र विस्तार योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य खरीफ और रबी मौसम में प्याज के कुल उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आय को बढ़ाना है।
कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों ने बताया कि खरीफ मौसम में प्याज की खेती जुलाई महीने में की जाती है, जबकि रबी मौसम में प्याज की खेती के लिए नवंबर से दिसंबर का समय अनुकूल माना जाता है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सबसे पहले डीबीटी पोर्टल पर पंजीयन कराना जरूरी है। इसके बाद उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
योजना का लाभ वैसे किसानों को भी दिया जाएगा, जो बटाई पर या पट्टे पर खेती करते हैं। इसके लिए उन्हें एकारनामा के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा।
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