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    Banka News: वेबसाइट ठप होने से भूमि निबंधन में रुकावट, कमीशन लेकर हो रहा कार्य

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 10:13 AM (IST)

    बांका में जमीन निबंधन का कार्य ओग्रास सिस्टम के ठप होने से प्रभावित है जिससे राजस्व संग्रहण पर संकट आ गया है। पिछले दस दिनों में चालान कटने की संख्या में भारी कमी आई है जिससे लगभग चार करोड़ रुपये का काम अटका हुआ है। लोग कमीशन देकर कार्य कराने को मजबूर हैं जिससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

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    दस दिनों से नहीं कट पा रहा चालान। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, (बांका)। बिहार में जमीन निबंधन कार्य इन दिनों बुरी तरह प्रभावित है। ऑनलाइन गवर्नमेंट रिसिप्ट अकाउंटिंग सिस्टम (ओग्रास) के ठप होने से पूरे राज्य में राजस्व संग्रहण पर संकट खड़ा हो गया है।

    जिले की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां पहले प्रतिदिन लगभग 300 चालान कटते थे, वहीं पिछले दस दिनों में महज 99 चालान ही कट पाए हैं।

    नतीजतन करीब चार करोड़ रुपये का काम अटका हुआ है और विभाग को भारी राजस्व क्षति हो रही है। स्थिति यह है कि जमीन खरीदने-बेचने वाले लोग चालान न कट पाने के कारण परेशान हैं।

    मजबूरी में कमीशन लेकर निबंधन का कार्य करा रहे हैं। इससे खरीदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ रहा है और विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

    इस मामले में जिला निबंधन पदाधिकारी हेमंत कुमार ने माना कि साइट में तकनीकी समस्या आई हुई है। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल बांका की नहीं, बल्कि पूरे बिहार में है। विभाग इस पर गंभीरता से काम कर रहा है और जल्द ही गड़बड़ी को दूर कर दिया जाएगा।

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    पदाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि कुछ ही दिनों में निबंधन कार्य पूर्व की तरह सामान्य हो जाएगा। वर्तमान स्थिति में जहां विभाग करोड़ों रुपये के राजस्व से वंचित हो रहा है, वहीं आम जनता को जमीन की रजिस्ट्री में देरी और अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ रहा है।

    राजस्व अभियान से दबाव बढ़ा, कमीशन पर हो रहा खेल

    निबंधन कार्यालय के चालान काउंटर के चेकर विनोद कुमार ने बताया कि समस्या पूरे बिहार में गंभीर बनी हुई है। दस दिनों से न तो चालान कट पा रहा है और न ही कोई बड़ा काम आगे बढ़ सका है।

    विभाग को लगातार स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन पोर्टल की खराबी अब तक दूर नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में चलाए जा रहे राजस्व अभियान के कारण ओग्रास पोर्टल पर अतिरिक्त दबाव पड़ा और साइट पूरी तरह से क्रैश हो गई।

    इधर, इस समस्या से चार दिन पूर्व सहकारिता बैंक के काउंटर पर लोग सुबह से शाम तक लाइन में खड़े रहने के बाद भी काम नहीं हो रहा था। कुछ लोगों ने कहा कि बैंक काउंटर में बैलेंस बीस लाख आने के बाद भी पांच का सार्वजनिक कर शेष का प्रति चालान पांच सौ रुपये लेकर काम हो रहा है।

    इससे नाराज कुछ लोगों ने इसकी शिकायत भागलपुर बैंक के एमडी तक से करने की जानकारी दी है। लोग सॉफ्टवेयर से लेकर कमीशन से परेशान हो रहे हैं।