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    Banka News: प्रसूता और स्वजन को बंधक बनाने के मामले में आशा से मांगा गया जवाब, नर्सिंग होम की होगी जांच

    Updated: Sun, 25 May 2025 10:57 PM (IST)

    बांका के शंभूगंज में एक निजी क्लीनिक में प्रसूता और परिजनों को बंधक बनाने के मामले में सीएचसी प्रभारी ने जांच के आदेश दिए हैं। आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने की अपील की है। आरोप है कि आशा कार्यकर्ता निजी क्लीनिकों से मिली हुई हैं और मरीजों को वहां भेजती हैं।

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    फीस नहीं देने पर प्रसूता और स्वजन को छह घंटे तक बनाया गया था बंधक। (जागरण)

    संवाद सहयोगी, शंभूगंज ( बांका )। शंभूगंज बाजार के एक निजी क्लीनिक में प्रसूता एवं स्वजन को बंधक बनाए रखने के मामले में सीएचस प्रभारी डॉ. अजय शर्मा ने अस्पताल में कार्यरत आशा कार्यकर्ता से स्पष्टीकरण पूछा है।

    साथ ही बाजार के मंजू देवी सेवा सदन का भी गहराई से जांच कराने की बात कही है। बताया कि इसमें दोषी लोगों पर विभागीय कार्रवाई होगी। अस्पताल प्रभारी और स्वस्थ्य प्रबंधक अमित कुमार ने आमलोगों से अपील की है कि प्रसव अथवा अन्य चिकित्सक के लिए सरकारी अस्पताल बेहतर है।

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    आमलोगों में चर्चा है कि अस्पताल में बिचौलियों की सक्रियता अधिक है। कई आशा भी निजी क्लीनिक के संपर्क में आकर मामूली स्वार्थ के लिए बिचौलियों का काम करती हैं। जिसका परिणाम यहां के सीधे-साधे मरीजों को भुगतना पड़ता है।

    आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ होता है। शुक्रवार को कुन्नथ गांव के नीतीश दास की पत्नी रेशमा कुमारी आशा के साथ सीएचसी पहुंची थी। जब चिकित्सक ने महिला को रेफर किया तो आशा द्वारा सीधे रेशमा को बाजार के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया।

    जहां रेशमा ने जुड़वे बच्चे को जन्म दिया, लेकिन नवजात की नाजुक हालत देख रेफर कर दिया। बाद में फीस भरने में प्रसूता के असर्मथता जताने पर करीब छह घंटे तक बंधक बना दिया।

    सूचना पर पुलिस ने प्रसूता व स्वजनों को मुक्त कराया। हालांकि, इस घटना में निजी क्लीनिक के संचालक द्वारा बंधक बनाने के आरोप को निराधार बताया है।