Banka News: रिटायर्ड एएनएम के आवास पर छापामारी, गर्भपात कराने की दवा मिली
बांका के धोरैया में अवैध क्लीनिकों पर छापेमारी की गई। एक सेवानिवृत्त एएनएम के घर से गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली दवाएं जब्त की गईं। ग्रामीणों ने खुले में कचरा फेंकने की शिकायत की जिससे संक्रमण का खतरा है। आरोप है कि विभाग की मिलीभगत से अवैध नर्सिंग होम चल रहे हैं जहां मरीजों की जान खतरे में है। विभाग इस मामले की जांच कर रहा है।
संवाद सूत्र, धोरैया (बांका)। जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन के निर्देश पर सोमवार को कुरमा गांव में अवैध क्लीनिक और नर्सिंग होम की जांच की गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्यामसुंदर दास ने धोरैया बाजार स्थित डीएन सिंह चौधरी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। संचालक की अनुपस्थिति में उन्होंने कर्मियों को सभी कागजात अस्पताल में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मिली शिकायत पर सेवानिवृत्त एएनएम पार्वती कुमारी के आवास स्थित क्लीनिक पर छापेमारी की गई। यहां से गर्भपात में प्रयोग होने वाली दवा, कापर-टी, इंजेक्शन, सिरिंज, रूई व अन्य सामान बरामद कर जब्त किया गया। हालांकि, कुछ दवाइयां एएनएम जबरन क्लीनिक से हटाकर अपने घर ले जाने का प्रयास करती रहीं।
छापेमारी के दौरान मौजूद आवेदक प्रकाश साह ने बताया कि यहां गर्भपात कराने के बाद निकलने वाला गंदा कचरा घर के सामने खुले में फेंका जाता है, जिससे दुर्गंध और संक्रमण का खतरा बना रहता है।
ग्रामीणों का कहना है कि 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी पार्वती कुमारी अस्पताल के पीछे अपने घर में गर्भपात और कापर-टी लगाने का काम कर रही हैं और मरीजों को अस्पताल से अपने क्लीनिक ले जाती हैं।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दास ने माना कि जब्त दवाइयां गर्भपात में प्रयोग होती हैं और यह गंभीर मामला है। उन्होंने बताया कि सरकारी दवा एएनएम के घर कैसे पहुंची, इसकी जांच की जाएगी। फिलहाल धोरैया व कुरमा क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड और नर्सिंग होम की जांच जारी है ताकि ऐसे धंधों पर रोक लगाई जा सके।
अवैध नर्सिंग होम का खेल, विभाग की मिलीभगत से जारी
शहर से लेकर गांव तक अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक खुलेआम संचालित हो रहे हैं। गलत तरीके से कई जगहों पर दवाइयां बेची जा रही हैं, लेकिन विभाग को जानकारी होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। चर्चा है कि कुछ कर्मियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों बांका, रजौन, अमरपुर, शंभूगंज और कटोरिया क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक सेंटर सील किए गए थे। लेकिन पैरवी और पैसों के बल पर यह खेल दोबारा शुरू हो गया। हालात यह हैं कि बांका में एक केंद्र नाम बदलकर फिर से संचालित किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक डाक्टर ने इस अवैध धंधे को कमाई का जरिया बना लिया है। आरोप है कि उसने चांदन और कटोरिया समेत कई जगहों पर कीमती जमीनें खरीद ली हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इन नर्सिंग होमों में न तो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं और न ही मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है।
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