डेंगू को लेकर बांका सदर अस्पताल पूरी तरह तैयार, मरीज नहीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर
बांका में डेंगू का कोई मामला नहीं होने पर भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। सदर अस्पताल के वयोवृद्ध वार्ड में डेंगू रोगियों के लिए 15 बेड तैयार हैं और मच्छरदानी की व्यवस्था की गई है। डॉक्टर प्रमोद कुमार ने डेंगू के लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी है। मच्छरों से बचाव और उचित खानपान पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।

डेंगू को लेकर बांका में अलर्ट
संवाद सहयोगी, बांका। सूबे में लगातार डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। इसको लेकर पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है। वैसे अभी तक बांका में डेंगू के रोगी नहीं मिले हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
वयोवृद्ध वार्ड को किया गया है अपडेट
सदर अस्पताल में डेंगू लेकिन वयोवृद्ध वार्ड को पूरी तरह से अपडेट किया गया है। वयोवृद्ध वार्ड में पंद्रह बेड पूर्व से ही लगे हुए हैं। सभी बेड के पास पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता भी है। साथ ही यहां पर स्वास्थ्य विभाग ने नई मच्छरदानी भी उपलब्ध कराया है।
डेंगू के लक्षण
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि डेंगू को नजरअंदाज करना बहुत बड़ी गलती हो सकती है। मुख्य रूप से इसके लक्षण तेज बुखार, तेज सिरदर्द (खासकर आंखों के पीछे), मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, उल्टी होना और त्वचा पर दाने निकलना हो सकता है।
कई मामले में मरीज ठीक हो जाते है। लेकिन गंभीर मामलों में पेट दर्द, लगातार उल्टी, नाक या मसूड़ों से खून आना और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इनमें से किसी भी प्रकार का लक्षण दिखे तो फौरन अपने चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।
बचाव के उपाय
डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए कई साधन है। सबसे पहले मच्छरों के काटने से बचना सबसे जरूरी है। साथ ही सोते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम का उपयोग करना बहुत जरूरी है।
वहीं हमेशा लंबी बाजू और पैंट पहनना भी जरूरी है। खिड़कियों पर जाली लगाना बहुत जरूरी है। साथ ही इसके अलावा अपने घर और आसपास के जगहों पर पानी जमा ना होने दें। और सोते समय हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें।साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। डेंगू होने पर पपीता, अनार और तरबूज, संतरा और किवी सहित मौसमी का प्रयोग करें।

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