Banka News: बांका के किसानों को गांव में ही मिलेगी खाद, पैक्स में खुलेंगी दुकानें; किसानों को होगी आसानी
Banka News बांका जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें खाद के लिए बाजार नहीं जाना पड़ेगा। जिले के सभी 182 पैक्स में खाद की दुकानें खोली जाएंगी। इसके लिए पैक्स प्रबंधकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और कृषि विभाग उन्हें खाद बेचने का लाइसेंस जारी करेगा। बिहार सरकार के इस कदम से किसानों को दूसरे जगह जाने की झंझट खत्म हो जाएगी।
संवाद सूत्र, बांका। Banka News: किसानों को खाद की किल्लत अब नहीं झेलनी होगी, और ना ही उन्हें इसके लिए बाजार जाने की जरूरत होगी। किसान अपने गांव में ही पैक्स से खाद खरीद सकेंगे। इसके लिए जिले के सभी 182 पैक्सों में खाद की दुकाने खोलने की कवादय शुरू की गई है।
इसके लिए सभी पैक्स के प्रबंधकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके आधार पर कृषि विभाग की ओर से उन्हें खाद बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। इसके लिए कृषि विभाग और सहकारिता विभाग को मिलकर काम करने को कहा गया है।
विभाग की ओर से जो पत्र जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए जिला सहकारिता पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय के साथ समन्वय स्थापित कर सभी प्रबंधकों को प्रशिक्षण दिलाएंगे।
इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से जो प्रशिक्षण शुल्क निर्धारित किया गया है, उसे भी समय पर जमा कराने को कहा गया है। सभी पैक्सों के प्रबंधकों को तीन महीने के अंदर प्रशिक्षण दिलाना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसके बाद 15 दिनों के अंदर संबंधित पैक्स को खाद बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया जाना है।
सीएससी संचालन के लिए मिला प्रशिक्षण
पैक्सों को डिजिटलाइजेशन के लिए काम चल रहा है। सौ से अधिक पैक्सों में कंप्यूटर लगाए जा चुके हैं। प्रत्येक पैक्स को कंप्यूटरिकृत करने पर चार-चार लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इन पैक्सों के प्रबंधकों को कंप्यूटर संचालन के लिए पहले ही भागलपुर में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इसके बाद बांका में सीएससी संचालन के लिए अब प्रशिक्षण दिया गया है। इसके बाद सीएससी आइडी दिया जाएगा। जिससे पैक्सों में आनलाइन आवेदन सहित कई तरह की सुविधाएं गांव के लोगों को मिलने लगेगी।
खाद की दुकान के लिए सभी पैक्सों को लाइसेंस दिया जाएगा है। इसके लिए प्रबंधकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। सहकारिता विभाग के साथ बैठकर कर इस पर काम किया जाएगा। -दीपक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी।