बांका : मंदार के पापहरणी सरोवर की आयी एक तस्वीर, कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने वालों ने ऐसा क्यों किया?
बांका मंदार के पापहरणी सरोवर की एक तस्वीर सामने आयी है। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने वालों ने इस सरोवर को उस दिन गंदा कर दिया। मंगल आरती पूजा पाठ और दीप दान में थर्मोकोल की प्लेट का खूब इस्तेमाल किया गया है।

संवाद सूत्र, बाराहाट (बांका)। यह तस्वीर बांका जिला के मंदार स्थित पापहरणी सरोवर की है। मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने मंगल आरती के बाद पूजा पाठ की और दीप दान की पंरपरा निभाई। थर्मोकोल की प्लेट में दीप व पत्ता सहित अन्य पूजन सामग्री को सरोवर में फेंक दिया गया। इससे पापहरणी में गंदगी फैल रही है। बिहार में थर्मोकोल की प्लेट पर रोक है। बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। पापहरणी सरोवर को स्वच्छ रखने के लिए यहां नियमित सफाई की जरूरत है। प्रशासनिक स्तर पर सफाई के मामले में यहां शिथिलता बरती जाती है।
पापहरणी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा पर मंदार सहित विभिन्न तालाबों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मंदार स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना किया। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के रोज जो कोई भी स्नान करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगा। हालांकि कार्तिक पूर्णिमा को लेकर सोमवार शाम से ही मंदार में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। रात्रि विश्राम कर श्रद्धालुओं ने मंगलवार सुबह पापहरणी सरोवर में स्नान पूजन कर किया।
इधर गुरु पूर्णिमा पर मंदार के साधु-संतों ने ढोल मजीरा के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली। साधु-संतों ने पूरे मंदार क्षेत्र की परिक्रमा किया। इस मौके पर संत पगला बाबा ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंदराचल पर्वत का परिक्रमा पूरी श्रद्धा के साथ संतों के द्वारा किया गया। जिसमें सैकड़ों संतों ने परिक्रमा शोभायात्रा में हिस्सा लिया।
सत्य का मार्ग चुनने से मिलेगी मोक्ष: स्वामी पूर्णानंद
संवाद सूत्र ,बाराहाट (बांका): अद्वैत स्वरूप परम ज्ञान आश्रम औरिया में मंगलवार को अष्टयाम नाम संकीर्तन एवं भजन प्रवचन का आयोजन किया गया। रांची से पधारे स्वामी पूर्णानंद महाराज एवं मुनि बाबा ने गुरुदेव के उपदेशों पर सारगर्भित प्रवचन किया। उन्होंने कहा कि शरीर की खुराक की तरह मन की भी खुराक होती है । मानव जीवन में व्यक्ति केवल एक दो विषय को ही छू पाता है। किंतु उसमें भी वह पारंगत नहीं हो पाता है। महादेवानंद, विमलानंद, अभेदानंद, शहजादा नंद, निर्मलानंद, विराजनंद, सदानंद भक्त अमरेश, सोनू भक्त के भक्त सती भक्त गोपाल मास्टर आदि ने व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई। उक्त अवसर पर कुप्पाघाट महर्षि मेंही आश्रम से पधारे बाबा निर्मला नंद ने सत्संग प्रवचन किया।
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