Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Bhumi: बांका में अंचल अमीन कर रहे थे होशियारी, जांच में हुआ खुलासा; सीओ ने दर्ज कराया केस

    By Shambhu DubeyEdited By: Piyush Pandey
    Updated: Fri, 27 Jun 2025 12:43 PM (IST)

    बांका में अमीन ब्रजेश कुमार के खिलाफ भ्रामक मापी रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच में पाया गया कि अमीन ने बिना स्थल निरीक्षण के ही रिपोर्ट दी, जिससे गलत भूमि रिकॉर्ड दर्ज हो गए और भूमि विवाद उत्पन्न हुआ। 

    Hero Image

    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    संवाद सूत्र, बांका। भ्रामक मापी रिपोर्ट प्रस्तुत करने और पदाधिकारी को गलत जानकारी देकर दिग्भ्रमित करने के आरोप में बांका अंचल के अमीन सह भू-अर्जन अमीन ब्रजेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

    बांका सीओ प्रियंका कुमारी द्वारा थाने में दर्ज कराए गए इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार, मनीष कुमार और सिंधु देवी द्वारा परिमार्जन प्लस पोर्टल पर ऑनलाइन जमाबंदी में अपने खाता व खेसरा जोड़ने हेतु आवेदन किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस पर अंचल अमीन ब्रजेश कुमार ने मापी प्रतिवेदन और स्थल स्मारिका तैयार कर संबंधित खाता, खेसरा और रकवा आनलाइन पंजी-2 में दर्ज कराने की अनुशंसा की थी। अंचल अमीन की अनुशंसा के आधार पर सीओ ने दोनों आवेदनों का निष्पादन कर दिया था।

    बाद में तेलिया गांव के कई ग्रामीण नरेश चंद्र साह, इंदू देवी, मोहन मंडल, प्राणमोहन मंडल, गोपाल मंडल, महेश प्रसाद गुप्ता, विनय कृष्ण और विवेकानंद ने सीओ को आवेदन देकर आरोप लगाया कि अमीन ब्रजेश कुमार ने बिना स्थल निरीक्षण किए भ्रामक स्थल स्मारिका तैयार की है, जिससे गलत तरीके से खाता-खसरा दर्ज किया गया है।

    इन आपत्तियों की जांच में शिकायतकर्ता पक्ष की आपत्ति सही पाई गई। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि अमीन द्वारा बिना स्थल निरीक्षण के ही मापी रिपोर्ट दी गई, जिससे प्रशासन को गलत जानकारी मिली और भूमि विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

    इस पर सीओ ने अमीन ब्रजेश कुमार पर भ्रामक प्रतिवेदन देने, प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और भूमि विवाद को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप में केस दर्ज कराया है।

    प्राथमिकी के साथ अमीन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। आपत्ति पत्र और संबंधित भूमि अभिलेखों की प्रतियां भी संलग्न की गई हैं।

    इस पूरे प्रकरण ने अंचल कार्यालय में कार्यशैली और भूमि सुधार से जुड़े मामलों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।