बिहार के इस गांव में था 2600 साल पुरानी मानव बस्ती का केंद्र, भिक्षुओं के साथ पहुंचे थे भगवान बुद्ध
बांका जिले का भदरिया गांव जो चांदन नदी के किनारे बसा है बौद्धकालीन इतिहास के अवशेषों के कारण सुर्खियों में है। दिसंबर 2023 में शुरू हुई खुदाई धन की कमी के कारण रोक दी गई है जिससे स्थानीय लोगों में निराशा है। खुदाई में 2600 वर्ष पुरानी मानव बस्ती के संकेत मिले हैं जिसका संबंध भगवान बुद्ध के आगमन से जोड़ा जाता है।

संवाद सहयोगी, अमरपुर (बांका)। चांदन नदी किनारे स्थित भदरिया गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। यह गांव अपने गर्भ में बौद्ध कालीन इतिहास समेटे हुए है। दिसंबर 2023 में यहां बिहार पुरातत्व निदेशालय और बिहार विरासत समिति के संयुक्त प्रयास से खुदाई का कार्य शुरू हुआ था।
शुरुआती खुदाई में जो अवशेष मिले । उसने यह संकेत दिया कि भदरिया करीब 26 सौ वर्ष पुरानी एक बड़ी मानव बस्ती का केंद्र रहा होगा । लेकिन चर्चा है कि तीन–चार महीने बाद ही सरकार द्वारा राशि आवंटित नहीं किए जाने के कारण खुदाई का कार्य रोक दिया गया । इससे क्षेत्र के लोगों और इतिहास प्रेमियों में निराशा फैल गई है।
खुदाई में मिले अवशेष
ग्रिड सिस्टम से की गई खुदाई में तीन फीट मोटी दीवारें, मिट्टी के घड़े, नाद, छोटे बर्तन और पत्थर के टुकड़े मिले हैं। विशेषज्ञ इनकी कार्बन डेटिंग करवाने की तैयारी में थे । ताकि सही आयु और ऐतिहासिक प्रमाणिकता तय हो सके।
भगवान बुद्ध से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल
इतिहासकार राहुल सांकृत्यायन, हवलदार त्रिपाठी, डॉ. एके पाठक और अशोक कुमार आनंद ने अपनी पुस्तकों में भदरिया (तत्कालीन भद्दिया) का उल्लेख भगवान बुद्ध के आगमन स्थल के रूप में किया है।
माना जाता है कि ईसा पूर्व छठी शताब्दी में बुद्ध वैशाली से यात्रा करते हुए 12 सौ भिक्षुओं के साथ भदरिया पहुंचे थे। यहां के व्यापारी मेण्डक की पौत्री विशाखा ने बुद्ध का स्वागत किया था। बाद में वही विशाखा उनकी प्रथम उपासिका बनीं । जिन्हें बौद्ध धर्म में दान की अद्वितीय नारी माना जाता है।
जापानी भिक्षु का योगदान
नवंबर 2014 में जापानी बौद्ध भिक्षु भंते केनिन इतो यहां पहुंचे थे। उन्होंने भदरिया में बोधिवृक्ष लगाया और बाद में बोधि पद भी स्थापित किया। उन्होंने भी भदरिया को बुद्ध आगमन स्थल बताया था।
मुख्यमंत्री का निरीक्षण
साल 2020 में छठ घाट निर्माण के दौरान नदी में 25 फीट लंबी लाल ईंट की दीवार मिली थी। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पुरातत्वविदों के साथ स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे।
उन्होंने नदी क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए रिंग बांध बनाने का आदेश दिया । जो अब तैयार हो चुका है। आईआईटी कानपुर की टीम ने भी यहां आधुनिक तकनीक से बड़ी मानव बस्ती के प्रमाण मिलने की पुष्टि की थी।
लोगों में उम्मीद
हाल ही में भवन निर्माण मंत्री सह स्थानीय विधायक जयंत राज कुशवाहा ने गयाजी बौद्ध विहार में भिक्षुओं से भदरिया की जानकारी साझा की। इसके बाद बिहार विरासत समिति के सदस्य भी स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं।
ऐसे में लोगों में एक बार फिर खुदाई शुरू होने की उम्मीद जगी है। यदि खुदाई पूरी होती है तो भदरिया का नाम वैश्विक बौद्ध धरोहर मानचित्र पर दर्ज हो सकता है।
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