Bihar News: DPO के औचक निरीक्षण से शिक्षकों में मचा हड़कंप, शिक्षकों के साथ प्रधानाध्यापक की भी बढ़ी मुश्किल
बांका जिले में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। डीपीओ के निरीक्षण में कई स्कूलों से शिक्षक गायब मिले। कुछ शिक्षक हाजिरी लगाकर गायब थे तो कुछ मोबाइल में व्यस्त पाए गए। लापरवाह शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और वेतन रोकने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, बांका। ई-शिक्षा कोष से विद्यालयों के शिक्षकों की निगरानी के बाद भी कई शिक्षक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को डीएम अंशुल कुमार के निरीक्षण में चांदन स्कूल की दो शिक्षिका हाजिरी बनाकर स्कूल से गायब मिली। गुरुवार को डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव स्कूलों की जांच में निकले तो कई जगह इसी तरह की गड़बड़ी पकड़ी गई।
मोबाइल देखने में व्यस्त शिक्षक
कहीं शिक्षक स्कूल में हाजिरी बनाकर गायब मिले तो कहीं ई-शिक्षा कोष की हाजिरी ही संदिग्ध मिली। कुछ जगह शिक्षक पढ़ाई छोड़कर स्कूल में मोबाइल देखने में व्यस्त मिले। गुरुवार को एनपीएस पिपरा के निरीक्षण में प्रभारी प्रधानाध्यापक अपराजिता कुमारी हाजिरी बनाकर विद्यालय से फरार थी। फोन पर बात करने पर तबीयत खराब होने की बात बताई।
एक शिक्षिका प्रियंका कुमारी अनुपस्थित मिली। पंजी में उनका सीएल अंकित मिला। तीनों शिक्षक को शाम में डीपीओ कार्यालय जवाब तलब के लिए बुलाया गया। उनके उपस्थिति नहीं होने पर डीपीओ ने अपराजिता कुमारी के अलावा शिक्षिका प्रियंका कुमारी और अजहर फैजल से स्पष्टीकरण मांगा है।
इसी तरह प्रोन्नत मध्य विद्यालय एससी सिउड़ी अमरपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक पुरूषोत्तम कुमार निरीक्षण के दौरान अपने कमरे में मोबाइल देखने में व्यस्त मिले। बच्चों की कक्षा संचालित नहीं हो रही थी। सभी बच्चे शोरगुल कर रहे थे। इस कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। उनसे तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
अमरपुर के ही प्राथमिक विद्यालय नकसोसा के शिक्षक कमलेश कुमार सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। औचक निरीक्षण में वे 27 मई को बिना सूचना अनुपस्थित मिले। विद्यालय प्रधान के आदेश पर भी वे विद्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं। इस संबंध में साक्ष्य के साथ उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही 27 मई का वेतन अगले आदेश तक बंद किया गया है।
इस मामले में डीपीओ ने विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक निरंजन यादव से भी स्पष्टीकरण पूछा है। वे अनुपस्थित शिक्षक कमलेश के बारे में भी कुछ नहीं बता सके, न पाठ टीका या सीएल पंजी ही दिखा सके। एमडीएम में बच्चों की उपस्थिति भौतिक से अधिक मिली।
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