जैसा कर्म करोगे वैसा फल देगा भगवान
जागरण प्रतिनिधि,बांका : आरएमके मैदान पर आयोजित रामचरित मानस व गीता विवेचन का समापन मंगलवार को हो गया। अंतिम दिन कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी दीपक आनंद ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने ऐसे आयोजन के लिए आयोजकों को साधुवाद भी दिया।
आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी दीपा भारती ने अपने प्रवचन कहा कि आए हैं सो जाएंगे राजा, रंक, फकीर। कोई भी मनुष्य अमर नहीं है। अमीर हो या गरीब सभी को एक दिन मरना है। बस कुछ दिन धरती पर बिताना है। इस दौरान किये गए कर्म के अनुसार ही उसे फल मिलता है। साध्वी ने कहा कि जो जैसा कर्म करेगा उन्हें उसी प्रकार का फल मिलेगा। एक बच्चा जब जन्म लेकर दुनियां में आता है तो उसे अच्छे बुरे का ज्ञान मां समझाती है। उसके बाद गुरू उसे विद्या देता है। लेकिन बाद में लोभ, स्वार्थ आदि पाप से ग्रसित हो जाता है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें अपने अंदर के ज्ञानेद्रियां को जगानी होगी तभी सुंदर समाज की स्थापना संभव है। वहीं यादवेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि कोई धर्म समाज को तोड़ता नहीं वरन मनुष्य को मनुष्य से जोड़ता है। लेकिन हम धर्म की आड़ में टूटते जा रहे हैं। धर्म का सच्चे अर्थ को नहीं समझ पा रहे। हमारे अंदर का सोया मानवता तभी जागृत होगा जब हम अध्यात्म की राह पर चलेंगे। धर्म हमें जीना सिखाता है। बुराइयों के खिलाफ लड़ना बताता है।
इस मौके पर नारायण झा, देवेंद्र दास, विवेकानंद सिंह, गोपाल शास्त्री, बिपुल कुमार, मदन, प्रमोद, ननकु, जगदीश आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में भक्ति गायन कैलाश कुमार, सुजाता भारती, प्रीति भारती, ममता भारती ने प्रस्तुत किया। जबकि तबले पर संगत नीरज व गोपाल ने किया। कार्यक्रम का आयोजन दिव्य ज्योति जागृति संस्थान दिल्ली के द्वारा किया जा रहा है।
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