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    औरंगाबाद में अवैध क्लिनिक में उपचार के दौरान महिला की मौत, संचालक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 05:05 PM (IST)

    ग्रामीण चिकित्सक अरविंद कुमार नामक व्यक्ति ने उपचार के लिए यहां भेज दिया। शुक्रवार सुबह में हमलोग उपचार कराने के लिए पहुंचे। वहां दिनभर उपचार हुआ परंतु तबीयत में सुधार नहीं हुआ। रात में महिला संचालक के द्वारा गलत दवा दे दिया जिसके कारण बहन छटपटा कर दम तोड़ दी।

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    अवैध क्लिनिक में उपचार के दौरान महिला की मौत

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। नगर थाना क्षेत्र के महाराजगंज रोड के समीप स्थित एक अवैध निजी क्लिनिक में गुरुवार देर रात उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान माली थाना क्षेत्र के जयहिंद तेंदुआ गांव निवासी समता राम के 28 वर्षीय पत्नी बेबी देवी के रुप में की गई है। महिला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रविकर गांव स्थित अपने मायके में रहकर उपचार करवा रही थी।

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    मृतक बेबी के भाई मनीष कुमार ने बताया कि बहन का तबीयत खराब था। ग्रामीण चिकित्सक से उसका उपचार करवाने के लिए गया हुआ था। वहां ग्रामीण चिकित्सक अरविंद कुमार नामक व्यक्ति ने उपचार के लिए यहां भेज दिया। शुक्रवार सुबह में हमलोग उपचार कराने के लिए पहुंचे। दिनभर उपचार हुआ परंतु तबीयत में सुधार नहीं हुआ। रात में महिला संचालक के द्वारा गलत दवा दे दिया जिसके कारण बहन छटपटा कर दम तोड़ दी।

    महिला की मौत के बाद स्वजन चित्कार मारकर रोने लगे। शव को लेकर सदर अस्पताल लाया गया। रात भर शव सदर अस्पताल में पड़ा रहा। घटना के बाद स्वजन पुलिस को फोन किए। रात में ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और महिला को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने स्वजनों का बयान दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया।

    नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिंदू देवी नामक महिला को गिरफ्तार किया गया है। मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। स्वजन गलत दवा देने एवं गलत उपचार करने का आरोप लगाएं हैं। महिला को जेल भेजा जा रहा है। मामले की जांच भी किया जा रहा है। अग्रतर कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि घटना के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डा. रविरंजन के द्वारा जांच के लिए एक टीम गठित की गई।

    टीम में पीएचसी जम्होर के चिकित्सक डा. रीतेश कुमार एवं औषधि निरीक्षक संजय कुमार को रखा गया था। टीम पुलिस के साथ क्लिनिक पर जांच करने पहुंची तो बंद पाया। डा. रीतेश ने बताया कि जांच करने के दौरान देखा गया कि एक घर के बाहर ताला बंद था। स्वजन इसी घर में उपचार के दौरान बेबी देवी की मौत होने की बात बता रहे हैं। घर क्लिनिक की तरह दिख भी नहीं रहा था। न तो कोई बोर्ड था और न ही बाहर में कोई दवा या अन्य। किसी घर का ताला तोड़ देना कानूनी रुप से गलत था। इसकी रिपोर्ट मैंने सिविल सर्जन को सौंप दिया है।

    स्वजनों ने घर में दूसरी ताला लगा दिया। खैराविंद पंचायत के मुखिया सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि अवैध क्लिनिक में महिला की उपचार के दौरान मौत हुई है। रविकर गांव मेरे पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आता है। यह परिवार काफी गरीब है। महिला के दो छोटे-छोटे पुत्री है। यह घटना काफी दर्दनाक है। पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग मामले में बेहतर तरीके से जांच कर सघन्नतपूर्वक कार्रवाई करे। स्वजनों को न्याय मिलना चाहिए।