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    Aurangabad News: पुनपुन नदी में लाश मिलने से सनसनी, ग्रामीणों ने जताई हत्या की आशंका

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 05:27 PM (IST)

    औरंगाबाद के उपहारा थाना क्षेत्र में पुनपुन नदी से एक अज्ञात पुरुष का शव बरामद हुआ है जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस डूबने से मौत मान रही है पर हत्या की आशंका भी है। वहीं शंकरडीह गांव में जेसीबी से खोदे गए गड्ढे में डूबने से निरंजन चौधरी की मौत हो गई।

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    पुनपुन नदी में लाश मिलने से सनसनी। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। उपहारा थाना पुलिस ने सोमवार को बेला गांव के निकट पुनपुन नदी से एक पुरुष का शव बरामद किया है। प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि शव कई दिन पहले नदी में फेंका गया या डूबा है।

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    थानाध्यक्ष मनेष कुमार ने बताया कि शव की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। सदर अस्पताल औरंगाबाद में पोस्टमार्टम के बाद शव को पहचान के लिए थाने में रखा गया है। इसे 72 घंटे तक थाने में रखा जाएगा। यदि पहचान नहीं हो पाती है, तो अंतिम संस्कार किया जाएगा।

    पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह मामला व्यक्ति की नदी में डूबने से हुई मौत का प्रतीत होता है, लेकिन हत्या की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। चिकित्सकों ने अभी तक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है।

    ग्रामीणों का कहना है कि यदि शव थाना क्षेत्र के किसी गांव के निवासी का होता, तो स्वजन अवश्य थाना पहुंचते। किसी के न पहुंचने से यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि शव किसी अन्य क्षेत्र का हो सकता है।

    पुनपुन नदी के किनारे रहने वाले कुछ ग्रामीणों ने यह भी आशंका जताई है कि संभवतः हत्या कर शव को नदी में फेंका गया है। पुलिस पहचान के लिए आसपास के गांवों में चौकीदारों और ग्रामीणों के माध्यम से सूचना जुटा रही है।

    गहरे गड्ढे में गिरकर युवक की मौत उपहारा थाना क्षेत्र के शंकरडीह गांव में रविवार को जेसीबी द्वारा खोदे गए गड्ढे में डूबने से निरंजन चौधरी की मौत हो गई। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है।

    ग्रामीणों का कहना है कि जेसीबी से बनाए गए गहरे गड्ढे में गिरकर निरंजन की मौत हुई है। बताया गया कि गर्मी के मौसम में मिट्टी निकालने के लिए गड्ढा खोदा गया था, जिसमें वर्षा का पानी भर गया था, जिससे यह जानलेवा बन गया।

    ग्रामीणों का कहना है कि यह गड्ढा खतरनाक है और अक्सर डर बना रहता है कि इसमें कोई बच्चा या व्यक्ति गिरकर हादसे का शिकार न हो जाए। पशुओं के गिरने की संभावना भी बनी रहती है। ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन से गड्ढे को सुरक्षित करने की मांग की है।