Aurangabad News: सोन नहर में डूबे दो बच्चे, भतीजे की 10 KM और चाचा की 30 KM दूर मिली लाश
Aurangabad News औरंगाबाद के बारुण में नहर में डूबने से चाचा-भतीजे की दर्दनाक मौत हो गई। दोनों बच्चे रॉकी और अनमोल सामान खरीदने गए थे और नहर के किनारे जामुन खाने के लिए रुके थे। हाथ धोते समय वे नहर में गिर गए। बचाव दल ने दोनों के शवों को बरामद कर लिया है। घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है।

संसू, बारुण (औरंगाबाद)। नरारी कला खुर्द थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव के निकट बुधवार की शाम को पटना नहर में डूबने से चाचा-भतीजा की मौत हो गई। शेखपुरा गांव के निवासी बृजमोहन सिंह के 14 वर्षीय पुत्र रॉकी कुमार और मुन्ना सिंह के 10 वर्षीय पुत्र अनमोल कुमार की डूबने से मृत्यु हुई है। दोनों चाचा-भतीजा थे।
स्वजन के अनुसार, रॉकी और अनमोल शाम करीब चार बजे साइकिल पर मेह पुल पर सामान खरीदने गए थे। जब देर रात तक दोनों घर नहीं लौटे तो परिवार ने उनकी खोजबीन शुरू की।
नहर पर खड़ी मिली साइकिल
खोज के दौरान यह पता चला कि गांव के सामने पटना नहर पर उनकी साइकिल खड़ी है, जिस पर आलू, चीनी और जामुन रखा हुआ था।
दोनों की चप्पल नहर के किनारे पड़ी थीं। सामान और चप्पलों से अनुमान लगाया गया कि बच्चे दुकान से सामान लेकर घर नहीं गए, बल्कि जामुन खाने के लिए नहर पर चले गए थे।
जामुन खाने के बाद हाथ धोने के लिए नहर में उतरे और गिर गए। नहर में पानी अधिक होने के कारण शवों का पता नहीं चल पा रहा था। घटना की सूचना मिलने पर स्वजनों ने पुलिस को सूचित किया।
नरारी कला खुर्द थानाध्यक्ष राकेश कुमार और बारुण सीओ मंजेश कुमार मौके पर पहुंचे और जांच की। शवों की खोज के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात की गई ताकि पानी का स्तर कम किया जा सके। प्रशासनिक प्रयास तब तक जारी रहा जब तक दोनों बच्चों के शव नहीं मिल गए।
दोनों के शव मिले
गुरुवार सुबह भतीजे रॉकी का शव घटना स्थल से 10 किलोमीटर दूर बारुण थाना क्षेत्र के बरुआ पुल के पास मिला। जबकि रॉकी के रिश्ते में चाचा रहे अनमोल का शव 30 किलोमीटर दूर औरंगाबाद मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भारथौली फाल के पास बरामद हुआ।
पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल औरंगाबाद में कराया और स्वजन को सौंप दिया। जैसे ही स्वजन शव लेकर घर पहुंचे, वहां मातम छा गया और महिलाओं की रोने की आवाजें सुनाई देने लगीं।
इंद्रपुरी बराज के अधिकारियों ने बताया कि जिस समय दोनों बच्चे नहर में डूबे, उस समय नहर में 3,350 क्यूसेक पानी का प्रवाह था। नहर की अधिकतम क्षमता 4,560 क्यूसेक पानी की है।
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