सही नहीं है देश की विदेश नीति; पूर्व राज्यपाल ने पाकिस्तान विवाद के समय का साझा किया प्रसंग, भारत सरकार से की मांग
बिहार के औरंगाबाद में, एक पूर्व राज्यपाल ने देश की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पाकिस्तान के साथ विवाद के समय का एक प्रसंग साझा करते हुए भारत ...और पढ़ें

कार्यक्रम में मंचासीन विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, मगध विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. डा. शशि प्रताप शाही व अन्य।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने देश की विदेश नीति पर चिंता जताई है। कहा कि, देश की वर्तमान विदेश नीति सही नहीं है। इसे ठीक करने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि यह अप्रैल में भारत-पाकिस्तान विवाद के दौरान देखने को मिला था। एक भी पड़ोसी देश भारत की समर्थन में आगे नहीं आया था। चीन ने पहले जो हिंदी-चीनी भाई-भाई की बातों पर विश्वासघात किया था उसपर विश्वास का अपेक्षा करना सही नहीं है। भारत सरकार विदेश नीति पर ध्यान दे।
वे शुक्रवार को शहर के किशोरी सिन्हा महिला कालेज परिसर में शुक्रवार को अपनी माता व पूर्व सांसद किशोरी सिन्हा की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर बोल रहे थे।
इससे पूर्व उन्होंने बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही के साथ संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया।
विधान परिषद के सभापति ने कहा कि अनुग्रह बाबू और सत्येंद्र बाबू दोनों परंपरा एवं व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। दोनों ने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के कई अहम कार्य किए। वह किया गया कार्य अब भी दिखाई दे रहा है।
हम आज गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि किशोरी सिन्हा की प्रतिमा का अनावरण करने का मौका मिला है। गौरव की अनुभूति हो रही है। कालेज को चमकाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेगे।
कुलपति ने कहा कि पांच दशक पहले इस कालेज की स्थापना हुई थी। प्राचार्य डा. अरुणजय कुमार सिंह की दृढ़ इच्छा एवं कालेज के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारियों का सहयोग है कि यह कार्य सफल हो पाया है।
शोध का स्तर बढ़ाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि देश में शोध का स्तर बढ़ाने की जरुरत है। जब तक शोध का स्तर नहीं बढ़ेगा तब तक राष्ट्र विकसित नहीं होगा। स्थिति यह है कि अमेरिका हमलोगों को धमकाता है तो हमलोग डर जाते हैं।
अमेरिका के द्वारा 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाता है। चाइना मजबूत है इसलिए उसके उपर टैरिफ नहीं लगाया जाता है। शोध का स्तर मजबूत होगा तो स्वत: हमारा राष्ट्र मजबूत हो जाएगा। यह वर्तमान युवा पीढ़ी को करने की जरुरत है।
नए छात्र स्थानीय मुद्दों पर शोध करें। किशोरी सिन्हा की जीवनी से छात्राओं को सीखने की जरुरत है। पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक, कौशलेंद्र प्रताप नारायण सिंह, राघवेंद्र प्रताप नारायण सिंह, बर्सर डाॅ. अभिजीत घोष आदि भी मौके पर थे। धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएससी कोआर्डिनेटर डाॅ. अमित राहुल ने किया।

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