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    बिहार के इस जिले में आवारा कुत्तों का आतंक, 15 दिनों में 154 लोगों को बनाया शिकार

    औरंगाबाद में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है जिससे शहर से गांव तक लोग परेशान हैं। कुत्तों के डर से बच्चों ने घर से निकलना बंद कर दिया है। सदर अस्पताल में हर दिन कुत्ते के काटने के 20-30 मामले आ रहे हैं जिससे एंटी रैबीज वैक्सीन की मांग बढ़ गई है।

    By Shubham Kumar Singh Edited By: Piyush Pandey Updated: Sun, 06 Jul 2025 03:08 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। शहर में आवारा कुत्ते का आतंक बढ़ गया है। शहर से लेकर गांव तक इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के जिस मुहल्ले में जाइए कुत्ते का झुंड दिख जाएगा।

    रात में कुत्ते का झुंड देख भय लगता है। कुत्ते के आतंक से बच्चे घर से बाहर नहीं निकलते हैं। महाराजगंज रोड, श्रीकृष्णनगर, सत्येंद्रनगर, चित्रगुप्तनगर, सिन्हा कालेज रोड, रमेश चौक समेत सभी प्रमुख मुहल्लों में आवारा कुत्ते सड़कों पर दौड़ते रहते हैं।

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    आंकड़ा तो किसी संगठन के पास उपलब्ध नहीं है पर जानकार बताते हैं कि करीब 5,000 कुत्ते शहर में होंगे। जिले में इसकी संख्या 25 हजार से अधिक है। एंटी रैबीज वैक्सीन पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च होते हैं।

    सदर अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20 से 30 नए मरीज आते हैं। सदर अस्पताल की आंकड़ा पर गौर करें तो 20 जून से लेकर चार जुलाई 2025 तक 15 दिनों में आवारा कुत्तों ने कुल 154 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

    139 लोगों को दूसरा व 181 को लगा तीसरा डोज का वैक्सीन लगा है। यह काफी चिंताजनक स्थिति को प्रदर्शित कर रहा है। इसपर रोकथाम के लिए विभाग को जिम्मेदारी लेनी होगी। आवारा कुत्तों से निपटने की जिम्मेदारी जिस विभाग को है वे निष्क्रिय है। कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

    जिले के सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन की उपलब्धता बेहतरा है। कुत्ता के काटने के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन का सामान्य तौर पर तीन इंजेक्शन लेना पड़ता है। यह इंजेक्शन कुत्ता काटने के पहला दिन, तीसरा दिन एवं सातवां दिन लेना पड़ता है। इंजेक्शन लेना अनिवार्य होता है। इसमें लापरवाही नहीं करना चाहिए। अपने बच्चों को कुत्तों के पास न जाने दें। जिस समय कुत्ता खाना खा रहा हो उस समय न जाएं, वरना हमला कर सकता है। कुत्तों से सावधान रहने की जरूरत है। - डॉ. विनोद कुमार सिंह, सिविल सर्जन, औरंगाबाद।

    एआरवी का विभागीय आंकड़ा

    दिनांक पहला डोज दूसरा डोज तीसरा डोज
    20 जून 8 8 13
    21 जून 12 14 14
    22 जून 13 0 2
    23 जून 11 12 13
    24 जून 9 11 31
    25 जून 10 6 14
    26 जून 6 13 0
    27 जून 15 11 27
    28 जून 5 8 16
    29 जून 9 3 4
    30 जून 14 14 12
    एक जुलाई 10 7 8
    दो जुलाई 9 10 8
    तीन जुलाई 9 14 8
    चार जुलाई 14 8 11