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    जयंती पर याद किए गए राजगुरु

    महात्मा ज्योतिबा फुलेनगर में गुरुवार को स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय युवा मंच द्वारा प्रसिद्ध क्रांतिकारी शिवराम हरि 'राजगुरु' की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की।

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 26 Aug 2017 03:07 AM (IST)
    जयंती पर याद किए गए राजगुरु

    औरंगाबाद। महात्मा ज्योतिबा फुलेनगर में गुरुवार को स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय युवा मंच द्वारा प्रसिद्ध क्रांतिकारी शिवराम हरि 'राजगुरु' की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय संयोजक अनुज कुमार पांडेय के नेतृत्व में अजय पांडेय, दिनकर कुमार, अभय कुमार पांडेय, सोनू कुमार, नीतीश, विकास, प्रकाश, छोटू, धनंजय, निकेत, निशा उपस्थित रहे। सभी ने राजगुरु के महान बलिदान को याद करते हुए उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया। उनकी तरह ही देश सेवा करने का संकल्प लिया। राजगुरु की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए अनुज कुमार पांडेय ने कहा कि सामान्यत: लोग धन, पद या प्रतिष्ठा प्राप्ति के लिए एक-दूसरे से होड़ करते हैं। क्योंकि क्रांतिवीर राजगुरु सदा इस होड़ में रहते थे कि किसी भी खतरनाक काम का मौका साथियों से पहले उन्हें मिले। उनके पिता का नाम हरि नारायण और माता का नाम पार्वती बाई था। उनका जन्म 24 अगस्त 1908 को पुणे के पास खेड़ा (वर्तमान राजगुरु नगर) में हुआ था। बताया कि उनके एक पूर्वज पंडित कचेश्वर को छत्रपति शिवाजी के प्रपौत्र साहू जी ने राजगुरु का पद दिया था। तब से इस परिवार में यह नाम लगने लगा। क्रांतिकारी जतिन दास के साथ राजगुरु ने कैदियों के समर्थन में भूख हड़ताल किया। इसी कारण अंग्रेजों को झुकना पड़ा था। इस प्रकार से अपने साथी क्रांतिकारियों के साथ अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ते हुए राजगुरु ने हंसते-हंसते माँ भारती की सेवा में फांसी का फंदा चूम लिया।

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