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    घास की रोटी खाकर राणा प्रताप ने किया संघर्ष

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    Updated: Mon, 09 May 2016 07:38 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : औरंगाबाद। महाराणा प्रताप की जयंती पर सोमवार को शहर में काय ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद :

    औरंगाबाद। महाराणा प्रताप की जयंती पर सोमवार को शहर में कार्यक्रम की धूम रही। विधि संघ भवन के केंद्रीय कक्ष में अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि दी गई। सचिव परशुराम सिंह, वरीय अधिवक्ता कुमार योगेंद्र नारायण सिंह एवं नागेश्वर प्रसाद सिंह उपस्थित रहे। अध्यक्ष ने कहा कि महाराणा प्रताप वीरता के प्रतीक थे। उनके जीवन से सीखने की जरूरत है। क्षत्रिय सेना के द्वारा जयंती पर जसोइया मोड़ स्थित महाराणा प्रताप प्रतिमा स्थल परिसर में रंजन सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित की गई। छात्र नेता आशुतोष कुमार सिंह, मनीष, रामसकल सिंह एवं कार्यकारिणी मंत्री विकास सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप शूरवीर थे। उन्होंने मुगल शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आशुतोष ने कहा कि महाराणा प्रताप हमेशा से युवाओं के प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनकी वीरता इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। संजय कुमार सिंह, सोनू सिंह, आदित्य नारायण, विनोद शंकर सिंह, टनटन, संजीत, मितुल सिंह, ऋषि सिंह, समरेश सिंह, राहुल, प्रकाश उपस्थित रहे।

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    सीतयोग में भी दी गई श्रद्धांजलि

    औरंगाबाद : सीतयोग इंजीनियरिंग संस्थान में सोमवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। चेयरमैन कुमार योगेंद्र नारायण सिंह, सचिव राकेश कुमार एवं अन्य ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर याद किया। चेयरमैन ने कहा कि महाराणा प्रताप हिम्मत, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे। तमाम प्रलोभन के बावजूद मुगलों की परतंत्रता स्वीकार नहीं की। घास की रोटी खाकर संघर्ष किया। छात्रों को उनके जीवन से सीख लेने की सलाह दी। कुलसचिव योगेंद्र शंकर, प्राचार्य अश्विनी कुमार एवं अन्य उपस्थित रहे।