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    पशु की जान बचाने को घर छोड़ रहे ग्रामीण

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Wed, 15 Mar 2017 09:49 PM (IST)

    औरंगाबाद के कई इलाकों में अभी से ही जल संकट शुरू हो गया है। पेयजल की समस्या आ गई है। लोग अपने-अपने पशुओं के साथ घर छोड़कर दूसरे स्थानों की ओर जा रहे हैं।

    पशु की जान बचाने को घर छोड़ रहे ग्रामीण

    औरंगाबाद [जेएनएन]। गर्मी की तपिश अभी शुरू नहीं हुई है कि देव एवं मदनपुर के दक्षिणी इलाके में पेयजल संकट गहराने लगा है। जल का स्रोत सूखने के कारण पशुपालकों की बेचैनी बढ़ गई है। पशुपालक अपने पशुओं के साथ गांव छोड़ दिए हैं।

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    ग्रामीण अपने गांव से करीब 30 से 40 किमी दूर देव प्रखंड मुख्यालय के आसपास जलस्रोत के पास मैदानी इलाके डेरा जमा लिए हैं। पशुपालक अपने पशुओं के साथ बधार में ही रात गुजार रहे हैं। देव केताकी रोड स्थित केताकी मोड़ के गोपालपुर बिगहा गांव के पास करीब तीन दर्जन पशुओं के साथ डेरा जमाए गया जिले के डूमरिया प्रखंड के बरहा गांव निवासी मुकेश यादव ने बताया कि उसके गांव एवं आसपास के गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। नदी, नाला, कुआं एवं चापाकल सूख गया है।

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    जल के सभी स्रोत सूखने के बाद पशुओं का जीवन बचाना मुश्किल हो गया है। जानवरों का जीवन बचाने के लिए पशुओं के साथ गांव छोड़ इस इलाके में डेरा जमाए हैं। मुकेश ने बताया कि गांव में हर वर्ष पेयजल संकट गहरा जाता है। बताया कि गांव के सभी ग्रामीण जलसंकट को देखते हुए गांव छोड़ चुके हैं। अगर गांव नहीं छोड़ेंगे तो पशुओं की जान बचाना मुश्किल है।

    कहते हैं कार्यपालक अभियंता
    कार्यपालक अभियंता गजेंद्र पासवान ने बताया कि अभी औरंगाबाद जिले में पेयजल संकट नहीं गहराया है। पेयजल संकट उत्पन्न होने वाले इलाके पर नजर रखी जा रही है। संकट वाले इलाके में पेयजल की व्यवस्था की जाएगी।
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