औरंगाबाद का दिल नबीनगर... 1994 से उठ रहा अनुमंडल बनने का मुद्दा 2025 में पकड़ा जोर
32 वर्ष बीतने के बाद भी नबीनगर को अनुमंडल तथा चैनपुर व टंडवा को प्रखंड का दर्जा नहीं मिल सका है। वर्ष 1994 में पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह ने नबीनगर को अनुमंडल बनाने के लिए आमरण अनशन भी किया था।नवीनगर प्रखंड को दो विधायक एवं दो सांसद का प्रतिनिधित्व प्राप्त है।

संवाद सूत्र, नवीनगर (औरंगाबाद)। नबीनगर को अनुमंडल बनाने का मुदा 32 वर्ष पुराना है। वर्ष 1994 से नबीनगर को अनुमंडल तथा चैनपुर एवं टंडवा को प्रखंड बनाने का मुद्दा चल रहा है जो 2025 विधानसभा चुनाव आते-आते फिर से जोर पकड़ने लगा है। 32 वर्ष बीतने के बाद भी नबीनगर को अनुमंडल तथा चैनपुर व टंडवा को प्रखंड का दर्जा नहीं मिल सका है। वर्ष 1994 में पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह ने नबीनगर को अनुमंडल बनाने के लिए आमरण अनशन भी किया था।
पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह के आमरण अनशन करने के बाद भी नबीनगर को अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल सका। नबीनगर अनुमंडल बनने की सभी शर्तों को पूरा करता है। नबीनगर की जनसंख्या वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार दो लाख पचास हजार है। अभी नबीनगर की जनसंख्या लगभग चार लाख हो चुकी है। नबीनगर प्रखंड में 25 पंचायत एवं एक नगर पंचायत मिलाकर लगभग 400 गांव है। नवीनगर प्रखंड को दो विधायक एवं दो सांसद का प्रतिनिधित्व प्राप्त है।
नबीनगर में देश की दो बड़ी बिजली परियोजनाएं, तीन रेलवे स्टेशन तथा छह थाना है। नवीनगर प्रखंड जिले का ही नहीं बल्कि मगध प्रमंडल का सबसे बड़ा प्रखंड है फिर भी अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नबीनगर को अनुमंडल बनाने के लिए अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति के द्वारा कई बार बैठक व धरना दिया गया।
संघर्ष समिति के माध्यम से कई बार धरना प्रदर्शन कर संबंधित पदाधिकारी को लिखित प्रतिवेदन दिया गया,लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही नबीनगर की चिर परिचित मांग नबीनगर को अनुमंडल एवं टंडवा तथा चैनपुर को प्रखंड बनाने की मांग उठने लगी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव, प्रचार के दौरान नबीनगर को अनुमंडल बनाने की घोषणा किया किया था उस समय मंच पर तत्कालीन विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह मंच पर उपस्थित थे। परंतु अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं किया गया।
नबीनगर को अनुमंडल बनाने से संबंधित सवाल कई बार विधानसभा में उठाया गया,लेकिन बिहार सरकार के द्वारा सवाल पर जवाब नहीं दिया गया जिस कारण अभी तक नबीनगर को अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। नबीनगर को अनुमंडल का दर्जा दिलाने के लिए मैं नबीनगर वासियों के साथ संघर्ष करता रहूंगा।
विजय कुमार सिंह उर्फ डबलू, राजद विधायक, नवीनगर।
नबीनगर प्रखंड को दाउदनगर से पहले अनुमंडल बनना चाहिए था। नबीनगर में कोई नेता ही नहीं है जो लड़ाई लड़कर कुछ प्राप्त कर सके। पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बाद कोई नेता नहीं हुआ जो नबीनगर के विकास के लिए सोच सके। नबीनगर में एनटीपीसी परियोजना एवं उतरी कोयल नहर सत्येंद्र बाबू का देन है। नबीनगर को अनुमंडल बनाया जाना जरूरी है।
अजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना, नवीनगर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष।
नवीनगर प्रखंड मगध प्रमंडल का सबसे बड़ा प्रखंड है।नवीनगर प्रखंड में 25 पंचायत तथा एक नगर पंचायत है।इसे अनुमंडल का दर्जा नहीं मिलना दुखद है।नबीनगर प्रखंड में दो बड़ी बिजली परियोजनाएं छह थाना तथा तीन रेलवे स्टेशन है।
आमोद चंद्रवंशी, मुखिया चंद्रगढ़ नवीनगर।
नबीनगर अनुमडल बनने की सभी शर्तों को पूरा करता है।बीते विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नबीनगर स्टेडियम में घोषणा किया गया था कि वीरेंद्र बाबू को चुनाव जिताइए नवीनगर को अनुमंडल बना देंगे। वीरेंद्र बाबू चुनाव जीते और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने लेकिन नबीनगर अनुमडल नहीं बना।
संतन सिंह,प्रखंड अध्यक्ष कांग्रेस सह अनुमंडल बनाओ संघर्ष समिति नवीनगर।
वर्ष 1994 में मेरे द्वारा नबीनगर को अनुमडल बनाने के लिए आमरण अनशन किया गया था और तत्कालीन मंत्री के द्वारा अनुमंडल बनाने की घोषणा की बात कह कर मेरा आमरण अनशन को तोड़वाने का काम किया था। 32 वर्ष बीतने के बाद भी नबीनगर प्रखंड को अनुमंडल नहीं बनाया गया जो निराशाजनक बात है।एक बार फिर मैं मुख्यमंत्री से नबीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग करूंगा।
वीरेंद्र कुमार सिंह, पूर्व विधायक नवीनगर।
नबीनगर प्रखंड का अंतिम किनारा गजनाधान है जिसकी दूरी 18 से 20 किलोमीटर है। दूसरा किनारा नरारी है जो 30 किलोमीटर है।इन जगहों से औरगाबाद जानेवाले का काफी समय बर्बाद होता है। अनुमंडल बनने से ग्रामीणों को सहूलियत होगी।नवीनगर सड़क,रेलमार्ग,सोन नदी के जलमार्ग से जुडा है।
प्रो. सुनील बौस, नवीनगर।
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