Makar Sankranti 2025 Date: 14 या 15 कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति? सूर्य देवता की कृपा पाने के लिए करें इन चीजों का दान
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार 15 नहीं 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व माना जाता है। कुछ विशेष चीजों तो दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। पिछले कई वर्षों से मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 15 जनवरी को मनाया जाता रहा है। इस कारण आम धारणा यह है कि इस वर्ष भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही होगा, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। काल गणना के अनुसार इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
कर्मकांड के विद्वान आचार्य पंडित लालमोहन शास्त्री ने इस संबंध में बताया कि इस वर्ष भारतीय पंचांग के अनुसार कुछ वर्षो के बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। माघ कृष्ण प्रतिपदा को सूर्योदय से सूर्यास्त तक मकर संक्रांति का पुण्य काल मनाया जायेगा।
आचार्य पंडित लाल मोहन शास्त्री
वेदांग ज्योतिष के अनुसार संक्रांति का पुण्य काल मनाने के लिए दो प्रवधान है
- पहला 20 दण्ड (आठ घंटे) संक्रांति होने से पहले और आठ घंटे तक पुण्य काल माना जाता है। इस आधार पर 14 जनवरी प्रातः 06.02 बजे से रात्रि 09.58 बजे तक पुण्य काल है।
- दूसरा 40 दण्ड (16 घंटे) संक्रांति होने से पहले और 16 घंटा बाद में पुण्य काल माना गया है। इसके आधार से दिनांक 13 जनवरी सोमवार रात्रि 12.02 बजे से दिनांक 15 जनवरी शेष रात्रि 06.02 बजे तक पुण्य काल माना गया है।
सूर्योदय से बदलता है दिन
पंडित लालमोहन शास्त्री ने बताया कि रात्रि में 12.00 बजे के बाद तारीख बदल जाती है, जबकि सूर्योदय होने से दिन बदलता है। अतः 15 जनवरी को सूर्य का उदय प्रात: 06.43 बजे होगा। सूर्यदेव का आगमन अपने पुत्र शनिदेव के घर में दिनांक 14 जनवरी मंगलवार को काशी पंचांग के अनुसार दिन 02.58 बजे हो रहा है।
बताया कि दाउदनगर के अक्षांश व देशांतर के अनुसार मंगलवार को दिन 03.08 बजे मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर रहे हैं। उपरोक्त शास्त्रीय विचार के अनुसार मंगलवार 14 तारीख को ही स्नान, तर्पण, दान, भोजन का महत्वपूर्ण समय माना गया है।
144 वर्ष पर महाकुंभ होना भी विशेष
पंडित लालमोहन शास्त्री ने बताया कि महत्वपूर्ण महाकुंभ सत्य सनातन समागम का प्रथम शाही स्नान 14 तारीख मंगलवार को ही होगा। तीर्थराज प्रयाग में 06 वर्ष पर अर्ध कुंभ, 12 वर्ष पर कुंभ और बारह कुंभ अर्थात 144 वर्षो पर महाकुंभ हो रहा है।
मकर संक्रांति यदि माघ महीने में होता है तो अधिक फलदायक होता है। इस पावर अवसर पर दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान
मकर संक्रांति पर स्नान, दान और तर्पण का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन चूड़ा, दही, तिलवा, चावल, दाल, सब्जी, कंबल, जलावन, पुस्तक, डायरी, पंचांग दान करने का उल्लेख धर्म शास्त्र में है।
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