गोह व हसपुरा प्रखंड में प्रमुख व उपप्रमुख को लेकर राजनीति
मंगलवार को अनुमंडल कार्यालय में गोह एवं हसपुरा प्रखंड के प्रमुख एवं उपप्रमुख का चुनाव होना है। दोनों प्रखंडों की राजनीतिक जमीन अलग-अलग रही है। एक प्रख ...और पढ़ें

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मंगलवार को अनुमंडल कार्यालय में गोह एवं हसपुरा प्रखंड के प्रमुख एवं उपप्रमुख का चुनाव होना है। दोनों प्रखंडों की राजनीतिक जमीन अलग-अलग रही है। एक प्रखंड में जहां एक बार प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है, वहीं दूसरे प्रखंड में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कभी सफल नहीं रहे। क्या रही है बीते दो दशक में इन दो प्रखंडों की राजनीति, यह जानना दिलचस्प होगा। गोह प्रखंड में निर्विरोध निर्वाचन की संभावना
फोटो : 27 एयूआर 05 व 06
दाउदनगर अनुमंडल के गोह प्रखंड में प्रमुख का चुनाव हो सकता है निर्विरोध हो। यहां 2016 में बनी प्रखंड प्रमुख खुशबू कुमारी प्रमुख दावेदार हैं। राजद प्रखंड अध्यक्ष रहे चंद्रशेखर आजाद की पत्नी लालपडी देवी भी चुनाव लड़ेंगी। शहर में जो चर्चा है उसके मुताबिक जातीय समीकरण साधते हुए आपस में सामंजस्य बिठाकर प्रमुख का चुनाव निर्विरोध कराने की कोशिश चल रही है और यह फलीभूत भी हो सकता है। चर्चा है कि 29 सदस्यीय पंचायत समिति में 11 सदस्य एक ही जाति के हैं, जबकि इसके बाद छह सदस्य एक जाति के जीते हैं। दोनों के बीच सामंजस्य बिठाकर निर्विरोध निर्वाचन की कोशिश की जा रही है। यदि यह होता है तो उपप्रमुख के कई दावेदार सामने आ सकते हैं। गोह में एक बार अविश्वास प्रस्ताव रहा है सफल
2016 में खुशबू कुमारी 19 मत लेकर प्रमुख बनी थी। 29 सदस्य पंचायत समिति में हैं। तब दूसरी दावेदार विमला देवी को आठ वोट मिला था। तब दो मत रद हो गया था। 2016 से पहले 2011 में गजेंद्र कुमार प्रमुख बने। लेकिन उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले मुन्ना सिंह सफल रहे और फिर प्रमुख बन गए। मुन्ना सिंह 2006 में भी प्रमुख रहे हैं। यानी सबसे अधिक दो बार और सबसे अधिक वक्त करीब साढ़े सात साल तक वे प्रमुख रहे हैं। इसके पहले जब पंचायती राज व्यवस्था को लेकर चुनाव 1978 के बाद 2001 में प्रारंभ हुआ था तब गोह के प्रमुख सत्येंद्र पासवान बने थे।
हसपुरा में टकराव की स्थिति
फोटो : 27 एयूआर 07 व 08
अनुमंडल के हसपुरा प्रखंड में डिडीर पंचायत के दिलावरपुर निवासी विजय यादव और ईटवां के श्रीनिवास कुशवाहा के बीच संघर्ष की बात सामने आ रही है। दोनों मंगलवार को प्रमुख पद के दावेदार हो सकते हैं। दोनों पहले प्रमुख नहीं रहे हैं। 2016 में संजय मंडल प्रखंड प्रमुख बने थे। उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव आया था लेकिन गिर गया था। नतीजा वे पांच साल तक प्रमुख रहे। इनके साथ 2016 में प्रमुख अनिल कुमार आर्य को अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा दिया गया था। इसके बाद संजय मंडल की पत्नी किरण यादव उपप्रमुख बनीं। संजय मंडल से पहले 2011 में अखिलेश्वर प्रसाद सिंह प्रमुख रहे। इनके पहले लालबाबू यादव 2006 और 2001 में नागेश्वर यादव हसपुरा प्रखंड के प्रमुख रहे हैं। प्रखंड में अविश्वास प्रस्ताव कभी सफल नहीं रहा है। वर्ष 2001 से लेकर अभी तक के कार्यकाल के सभी प्रमुख पांच साल के कार्यकाल को पूरा करने में सफल रहे हैं।

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