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    औरंगाबाद में घूसखोरी के खेल में भ्रष्ट दारोगा पर निगरानी की गिरी गाज, भेजा गया बेउर जेल

    निगरानी विभाग की टीम ने दारोगा को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के बाद उनके आवास की तलाशी ली लेकिन कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि अधिवक्ता की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दारोगा रिपोर्ट भेजने के नाम पर 20 हजार रुपये घूस ले रहे थे।

    By Manish Kumar Edited By: Radha Krishna Updated: Thu, 28 Aug 2025 12:26 PM (IST)
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    घूसखोरी के खेल में भ्रष्ट दारोगा पर निगरानी की गिरी गाज

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। औरंगाबाद के नगर थाना में तैनात दारोगा उमेश राम को निगरानी विभाग ने 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई बुधवार की रात करीब नौ बजे हुई। दारोगा पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले में रिपोर्ट भेजने के नाम पर अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा से 20 हजार रुपये की मांग की थी।

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    निगरानी विभाग की कार्रवाई

    निगरानी विभाग की टीम ने दारोगा को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के बाद उनके आवास की तलाशी ली, लेकिन कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। निगरानी डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि अधिवक्ता की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दारोगा रिपोर्ट भेजने के नाम पर 20 हजार रुपये घूस ले रहे थे।

    दिनों-दिन बढ़ रही भ्रष्टाचार की घटनाएं

    यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब औरंगाबाद जिले में भ्रष्टाचार की घटनाएं दिनों-दिन बढ़ रही हैं। इससे पहले भी कई अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं। 12 अगस्त को ओबरा अंचल के राजस्व कर्मचारी प्रमोद कुमार को 20 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा गया था। यह कार्रवाई पिछले 16 दिनों के अंदर हुई दूसरी बड़ी गिरफ्तारी है।

    क्या है मामला?

    यह पूरा मामला 28 मार्च 2025 को अधिवक्ता के बराटपुर स्थित गोदाम में छापेमारी से जुड़ा है। नगर थाना पुलिस और आपूर्ति विभाग के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने अधिवक्ता के गोदाम में छापेमारी कर रसोई गैस सिलेंडर जब्त किया था। इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 200/25 दर्ज हुई थी। कोर्ट ने मई, जून और जुलाई माह में जब्त सिलेंडर को मुक्त करने को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट को भेजने के एवज में दारोगा ने अधिवक्ता से 20 हजार रुपये की मांग की थी। अधिवक्ता का कहना है कि उनके पास सिलेंडर भंडारण का वैध लाइसेंस था, बावजूद इसके गलत तरीके से जब्ती की गई। इस मामले में आरोपितों को जमानत मिल गई है।

    दारोगा को नहीं लगी भनक

    दारोगा उमेश राम को यह भनक तक नहीं लगी कि उनके पास ही निगरानी अधिकारी खड़े हैं। जैसे ही उन्होंने अधिवक्ता से 20 हजार रुपये रिश्वत लिया और नोट को अपनी जेब में रखे कि निगरानी अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। इस कार्रवाई से नगर थाना परिसर में अफरातफरी मच गई।

    नगर थानाध्यक्ष सदमे में

    निगरानी की कार्रवाई से नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सदमे में दिखे। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता उनसे इस मामले में रिपोर्ट को लेकर कभी नहीं मिले। अगर मुलाकात करते और बोलते तो रिपोर्ट भेजवा देते। अगर अधिवक्ता उनसे बोले होते और रिपोर्ट कोर्ट में भेज दी जाती तो शायद यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

    अधिवक्ता की शिकायत पर कार्रवाई

    निगरानी विभाग ने अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा की शिकायत पर कार्रवाई की है। अधिवक्ता ने शिकायत की थी कि दारोगा उमेश राम रिपोर्ट भेजने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। निगरानी विभाग ने शिकायत की जांच करने के बाद कार्रवाई की है।