हवलदार के बेटे ने लहराया परचम
मुफस्सिल थाना के नरसिहा गांव निवासी ललन कुमार सिंह का पुत्र विकास कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाया है।
औरंगाबाद। मुफस्सिल थाना के नरसिहा गांव निवासी ललन कुमार सिंह का पुत्र विकास कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाया है। विकास को 203 रैंक मिला है। तीसरे प्रयास से यह सफलता मिली है। पहले प्रयास में दस और दूसरे प्रयास में दो नंबर से चूक गए थे। विकास के पिता सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वर्तमान में बीएमपी-16 में हवलदार के पद पर पटना में कार्यरत हैं। विकास का बचपन गरीबी में पला है। माता गीता देवी और पत्नी नेहा सिंह गृहणी हैं। गांव से पढ़कर विकास वर्ष 2001 में जिले के बारुण स्थित नवोदय विद्यालय में नामांकन लिया। यहां वर्ग छह से दस तक की परीक्षा के बाद डीपीएस बोकारो से 12वीं तक की शिक्षा ली। इस विद्यालय से निकलने के बाद विकास एनआइटी की परीक्षा दी और सफल हुए। सफल होने के बाद एनआइटी जमशेदपुर में बीटेक मैकेनिकल से वर्ष 2009 से 2013 तक पढ़ाई की। एनआइटी में पढ़ने के दौरान ही कैंपस सलेक्शन हुआ और वर्ष 2013 में टाटा स्टील में नौकरी पकड़ ली। दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद आइएएस बनने का सपना लेकर वर्ष 2015 में नौकरी छोड़ दी और दिल्ली तैयारी करने चला गया। करीब दो वर्ष तक नई दिल्ली में तैयारी के बाद पटना आ गया और यहां चाणक्या आएएएस कोचिग में पढ़ाने और अध्ययन करने लगा। यहां से ही अध्ययन कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाया। परीक्षा में सफल होने के बाद विकास ने बताया कि परीक्षा में सफलता से खुशी है पर जो रैंक आया है उसमें डीएम नहीं बन पाएंगे। डीएम बनने के लिए फिर यूपीएससी की परीक्षा में बैठेंगे। विकास ने अपनी बचपन की गरीबी बताते हुए कहा कि घर में एकमात्र पिता कमाने वाले थे। करीब 6000 के वेतन में पिता संयुक्त परिवार में रहे करीब 12 लोगों का भरण पोषण करते थे। एक पैंट और सर्ट में मेरा बचपन बिता है। गरीबी को मैंने अहसास किया है। बताया कि गांव से काफी लगाव है। लॉकडाउन के दौरान करीब ढाई माह गांव पर समय बिताएं। बताया कि छोटा भाई विवेक कुमार एनआइटी जमशेदपुर से ही सिविल इंजीनियरिग में बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।
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