नृत्य मनोरंजन का साधन नहीं, तनाव दूर करने का जरिया
नृत्य मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि तनाव दूर करने का जरिया है।
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस आज
- नृत्य कला प्रेमियों के लिए है सम्मान का विषय जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : आज अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस है। नृत्य मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि तनाव को दूर करने व खुशियां बांटने का एक जरिया है। लोक नृत्य की बात की जाए तो यह हमें जड़ों से जोड़े रखता है। औरंगाबाद जिले कलाकारों की धरती रही है। यहां के कई कलाकार बाहर जाकर धूम मचा चुके हैं। कलाकार कई शहरों में जाकर नृत्य का धमाल मचा चुके हैं। कोरोना महामारी में भी यहां के कलाकार घर पर रहकर नृत्य कर रहे हैं साथ ही वीडियो कॉलिग के माध्यम से नृत्य सीखा रहे हैं। 29 अप्रैल 1982 को हुई थी शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस हर साल 29 अप्रैल को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई। यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टीट्यूट की इंटरनेशल डांस ने 29 अप्रैल को नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया। एक महान रिफॉर्मर जीन जार्ज नावेरे के जन्म की स्मृति में यह दिन इंटरनेशल डांस डे के रूप में मनाया जाता है।
नृत्य कई परेशानियों से देता है छुटकारा : सौम्या
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नृत्य करने वाली छात्रा सौम्या श्री का कहना है कि कोरोना के इस महामारी में घर मे बंद रहने से शारिरिक क्रियाएं शिथिल पड़ने लगती हैं वैसी परिस्थिति में खुद को स्वस्थ रखना बड़ा मुश्किल होता है। स्वास्थ्य रहने के लिए कई तरह के व्यायाम किये जाते हैं और नृत्य में सभी तरह का व्यायाम निहित होता है इसलिए मैं डांस कर के खुद को स्वस्थ रख रही हूं। नृत्य मानवीय अभिव्यक्तियों का रसमय प्रदर्शन है यह एक सार्वयोम कला है, जिसका जन्म मानव के जीवन के साथ हुआ है। बालक जन्म लेते ही नृत्य धरती के सभी सजीव करते हैं। नृत्य बहुत परेशानियों से छुटकारा दिलाती है। नृत्य है एक प्राचीन शैली : निक्की
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कलाकार निक्की रॉय का कहना है कि नृत्य एक प्राचीन शैली है और हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है।यह एक जन्मजात प्रतिभा है जो हमारी परम्पराओं से जोड़ कर रखने में सहायक है। यह हमें आनन्द से परिपूर्ण कर देती है चाहे हम इसे किसी भी तरह से करें। इस महामारी में घर पर ही रहकर नृत्य का अभ्यास जारी है। नृत्य है मानव जीवन की एक अहम अंग : सौरभ
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भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कलाकार सौरभ सम्राट का कहना है कि नृत्य व गायन मानव जीवन की एक अहम अंग है । जब मानव या पशु,पंछी या दुनिया की कोई भी संरचना खुश होता है तो वह नृत्य करने लगता है। सभी कलाओं में यह विद्या महत्वपूर्ण है जो हर किसी के अंदर मौजूद होता है। लॉक डाउन में नृत्य कर शरीर को फीट रख रहे हैं। नृत्य मनुष्य के शरीर में भरता है ऊर्जा : निरंजन
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कलाकार निरंजन विद्यार्थी का कहना है कि नृत्य व गायन मनुष्य के शरीर में ऊर्जा भर आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है। औरंगाबाद के लिए यह गर्व की बात है कि इस छोटे शहर में भी नृत्य को महत्ता दी जाती है। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का होना अपने आप में नृत्य कला प्रेमियों के लिए सम्मान का विषय है।
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