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    औरंगाबाद: सोन नदी में नाव पलटने से बड़ा हादसा, कई लापता

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 01:14 PM (IST)

    औरंगाबाद में सोन नदी में एक नाव पलटने से बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में चार महिलाएं लापता हो गईं हैं, जबकि दो शव बरामद किए गए हैं। महिलाएं नाव से नदी पार कर रही थीं तभी यह हादसा हुआ। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल लापता महिलाओं की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

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    औरंगाबाद में सोन नदी के किनारे लगी भीड़। (जागरण)

    संवाद सूत्र, नबीनगर (औरंगाबाद)। औरंगाबाद के नबीनगर प्रखंड के बड़ेम थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के सामने शुक्रवार की सुबह लगभग 8.30 बजे नाव पलटने से उसपर सवार छह महिलाएं लापता हो गईं। 

    दो महिलाओं का शव बरामद किया गया है। चार की तलाश में एसडीआरपीएफ टीम के साथ स्थानीय गोताखोर भी लगे हैं। नाव पर नाविक समेत कुल 18 लोग सवार थे। इनमें 16 महिलाएं थीं। 

    ग्रामीणों ने बताया कि बड़ेम गांव निवासी सलीम अंसारी की 21 वर्षीय पुत्री तमन्ना परवीन एवं योगेंद्र लाल की 18 वर्षीय पुत्री काजल कुमारी के शव बरामद हुए हैं। 

    सोन में पानी की धार इतनी तेज है कि काजल का शव डूबने वाले स्थान से तीन किलोमीटर दूर बरामद किया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि नाविक पर प्राथमिकी का आदेश दिया गया है। उसके पास नाव संचालन का लाइसेंस नहीं था। 

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    बड़ेम थानाध्यक्ष अमरजीत चौधरी ने बताया कि सोन में डूबने के बाद से बड़ेम गांव निवासी नरेश चौधरी की 21 वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी, संजय चौधरी की 30 वर्षीय पत्नी रंजीता देवी, सुरेंद्र चौरसिया की 18 वर्षीय पुत्री मंजू कुमारी एवं चितरंजन पासवान की 30 वर्षीय पुत्री सविता देवी लापता हैं। 

    एसडीआरएफ की टीम चारों की घंटों तलाश की। शाम में अंधेरा घिरने पर तलाशी अभियान रोक दिया गया। एनडीआरएफ को भी सूचना दी गई है, शनिवार की सुबह उसकी टीम भी तलाश में जुटेगी। 

    महिलाएं नाव से सोन के बीच में टीले पर आलू की फसल के लिए खेत तैयार करने जा रही थीं। नाव किनारे से कुछ ही दूर आगे बढ़ा और असंतुलित होकर पलट गया। 

    अभी तक नाव को बाहर नहीं निकाला गया है। सूचना पर एसपी अंबरीष राहुल ने सोन नद घाट का निरीक्षण किया। 

    घटना के बाद से सोन किनारे एसडीओ संतन कुमार सिंह, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, एडीएम आपदा उपेंद्र पंडित, बीडीओ अरुण कुमार सिंह, सीओ निकहत परवीन कैंप किए हुए हैं। डूबी महिलाओं के स्वजन व ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। 

    तैराकी में कुशलता काम आई, नजमा ने बचाई सात की जान 

    सोन नद में नाव पलटने के बाद अफरातफरी मच गई थी। डूब रहीं महिलाएं बचाने के लिए जोर-जोर से गुहार लगा रही थीं। पानी की धार तेज थी। 

    इस विपरीत परिस्थिति में भी नाव में साथ रहीं नजमा खातून (35) ने धैर्य नहीं खोया। तैराकी में उनकी कुशलता काम आई, वह डूब रही महिलाओं को बचाने में जुट गईं, यह देख अच्छी तैराक रहीं दो महिलाओं का साहस बढ़ा और तीनों ने मिलकर डूब रहीं सात महिलाओं को सफलतापूर्वक किनारे ले आईं। 

    ग्रामीणों ने बताया कि नजमा गांव के सत्तार अंसारी की नतिनी है। वह सोन में प्रतिदिन तैरती है। तैराकी में इतनी कुशल है कि बाढ़ आने पर भी सोन पारकर टीले पर चली जाती है।