बिहार के स्कूलों में चल रहा फर्जीवाड़ा होगा बंद, 11 दिसंबर से लागू होगा नया सिस्टम
बिहार के सरकारी विद्यालयों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए 11 दिसंबर से फोटो युक्त उपस्थिति की व्यवस्था लागू होगी। छात्रों का निबंधन कार्य चल रहा है, जिसक ...और पढ़ें

बिहार अटेंडेंस एप से उपस्थिति। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। सरकारी विद्यालयों में चल रहा विभिन्न स्तर पर फर्जीवाड़ा अब पूरी तरह बंद हो जाएगा। 11 दिसंबर से फोटो युक्त उपस्थिति की व्यवस्था लागू हो रही है। इसके लिए तमाम सरकारी विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों का निबंधन कार्य चल रहा है। इसके लिए प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को दो-दो और उच्चतर माध्यमिक को तीन टैब सरकार ने उपलब्ध कराया है।
सभी बच्चों का निबंधन करने और फिर बाद में बिहार अटेंडेंस एप से उपस्थिति बनाने के लिए प्रधानाध्यापक और उनके साथ एक सहायक को दायित्व दिया गया है। राजकीय मध्य विद्यालय संख्या दो के प्रधानाध्यापक मोहम्मद सईद अहमद ने बताया कि फोटो युक्त उपस्थिति बनाने के लिए विद्यालयों में फैसियल रिकाग्निशन यानी फोटो युक्त पहचान की प्रक्रिया चल रही है।
ई-शिक्षा कोष एप से बच्चों का निबंधन कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि टैब से ही अब वर्गवार बच्चों की उपस्थिति बनेगी। इससे फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पूरी तरह बंद हो जाएगी। इसके अलावा मध्याह्न भोजन में फर्जी हाजिरी बनाकर अधिक राशि निकालने जैसी गड़बड़ियां भी पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
शिक्षकों को भी उपस्थिति इसी ऐप से बनानी है। नतीजा शिक्षकों की उपस्थिति में होने वाली गड़बड़ी भी बंद हो जाएगी। शिक्षक पहले अपने मोबाइल से हाजिर बनाते थे। अब एप पर ही सिर्फ उपस्थिति बनेगी वह भी सरकारी टैब में इंस्टाल एप से। नतीजा विद्यालय में शिक्षकों का आना अनिवार्य हो गया है।
विद्यालय आने पर और विद्यालय से जाते समय भी हाजिरी बनानी है। इसी तरह बच्चों के लिए प्रार्थना के वक्त, क्लास रूम में और मध्याह्न भोजन योजना के वक्त हाजिरी बनेगी। जबकि छुट्टी के समय सामूहिक फोटो लिया जाना है।
सामाजिक स्तर पर शिक्षकों की बढ़ेगी समस्या
इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद शिक्षकों की समस्या सामाजिक स्तर पर बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कई शिक्षकों का मानना है कि बच्चों को अब इससे परेशानी होगी। उन्हें उपस्थित होना ही होगा। पहले अनुपस्थिति को विद्यालय किसी तरह मैनेज कर लेते थे। अब मैनेज जैसे शब्द प्रयोग में नहीं रह जाएंगे।
नतीजा अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावक मैनेज करने के लिए शिक्षकों पर अनुचित दबाव बना सकते हैं। जब तक अभिभावक यह समझेंगे नहीं कि अब ऐप से ही हाजिरी अनिवार्य है और इसमें शिक्षक कुछ नहीं कर सकते, तब तक परेशानी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सिम व इंटरनेट की व्यवस्था
छात्रों की उपस्थिति टैबलेट के माध्यम से फेशियल रिकग्निशन सिस्टम द्वारा दर्ज किए जाने कब लिए विद्यालयों द्वारा टैबलेट हेतु सिम का क्रय एवं इंटरनेट की सुविधा के लिए कम से कम दो जीबी प्रतिदिन का डाटा पैक वाले छमाही या वार्षिक प्लान को विद्यालय विकास अनुदान या समग्र अनुदान की राशि से व्यय करने का निदेश विभाग द्वारा पहले दिया गया है।

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