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    Bihar: नक्सलियों के गढ़ में युवक-युवतियों में अब वर्दी पहनने का जुनून, देश सेवा के लिए हथियार उठा रहे युवा

    By Shubham Kumar SinghEdited By: Ashish Pandey
    Updated: Mon, 06 Feb 2023 03:16 PM (IST)

    Youth from Naxal Affected Areas 1990 के दशक में लाल आतंक का गवाह रहे औरंगाबाद के इलाके से आज कई युवा फोर्स में बहाल होकर देश एवं राज्य की सेवा कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन 200 से अधिक युवा सेना व पुलिस की तैयारी के लिए दौड़ते दिख जाते हैं।

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    200 युवा व युवतियां प्रतिदिन मदनपुर पड़ाव मैदान व सड़कों पर लगाते हैं दौड़ l फोटो- जागरण

    शुभम कुमार सिंह, औरंगाबाद: कभी नक्सलियों के गढ़ रहे देव और मदनपुर प्रखंडों के दक्षिणी क्षेत्र के गांवों में लोग कदम रखने से डरते थे। यहां नक्सली गतिविधियां अब भी हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों के दौरान इलाके की तस्वीर बदली है। नक्सलियों के आतंक पर न सिर्फ अंकुश लगा है, बल्कि स्थानीय युवा सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा भी करने लगे हैं। बेहतर सपनों की उम्मीदों के साथ मेधावी युवक एवं युवतियां आंखों में कुछ नया करने का सपना संजोए हैं।

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    1990 के दशक में लाल आतंक का गवाह रहे इस इलाके से आज प्रति वर्ष 20 से अधिक युवक-युवतियां सेना, अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस में बहाल होकर देश एवं राज्य की सेवा कर रहे हैं। यहां प्रतिदिन 200 से अधिक युवक-युवतियां स्थानीय मैदानों एवं सड़कों पर सेना व पुलिस की वर्दी के लिए पसीना बहाते दिख जाते हैं।

    नक्सलियों की दहशत खत्म हुई तो बढ़ा फोर्स का क्रेज

    1990 के दशक में नक्सलियों की दहशत इस इलाके में सिर चढ़कर बोलती थी। ग्रामीणों में भी शिक्षा का अभाव था जिस कारण वो मुख्य धारा से भटक जाते थे। नक्सलियों के भय से वे कुछ नहीं कर पाते थे। उनके पास नक्सलियों के दस्ते में शामिल होकर मात्र जिंदाबाद का नारा लगाना ही एक रास्ता होता था। नक्सली दबाव बनाकर युवक-युवतियों को दस्ते में शामिल कराते थे। लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के खिलाफ पूरे देश में सख्त कदम उठाए गए। इससे औरंगाबाद में भी उनकी दहशत खत्म होती दिख रही है। अब इस इलाके के युवा शिक्षा के प्रति आकर्षित हुए हैं। शिक्षा से जागरूकता आई तो उनमें सेवा व पुलिस की नौकरी का क्रेज पैदा हुआ है।

    सेना में जाने के लिए बहा रहे पसीना

    मदनपुर एवं देव प्रखंड के लाल इलाके के युवा सेना में भर्ती होने के लिए पसीना बहा रहे हैं और पौ फटने से पहले सड़कों पर व मैदानों में दौड़ लगा रहे हैं। मदनपुर के चिल्हमी गांव के शैलेंद्र कुमार, ललटेनगंज के सिबोध कुमार, शिवनगर के रामजन्म कुमार, जुड़ाही के ललन कुमार, देव प्रखंड के बहादुरडीह गांव के अमित कुमार, गोल्हा के प्रिंस कुमार, तेंदुई के हरेंद्र कुमार एवं केवल्हा के विकास यादव ने बताया कि वो सब सेना में भर्ती होने के लिए प्रतिदिन दौड़ का अभ्यास करते हैं। इनके साथ दौड़ लगाने वाले कई युवा सेना में भर्ती हो गए हैं और इन्हें भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करनी है। इलाके के करीब 200 युवक-युवतियां सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रतिदिन अभ्यास कर रहीं पूजा कुमारी, ज्योति कुमारी, गुड़िया कुमारी एवं रंजू कुमारी ने बताया कि देशसेवा सर्वोपरि है। वो सब देशसेवा के लिए सेना में जाना चाहती हैं।

    पांच वर्ष में 50 से अधिक हुए भर्ती

    नक्सलियों के आतंक के बीच पांच वर्षों में देव एवं मदनपुर के नक्सल इलाके के 50 से अधिक युवा आर्मी, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ एवं बिहार पुलिस में भर्ती हुए हैं। देव प्रखंड के दुलारे पंचायत के बारा गांव निवासी राजेश कुमार, रमेश कुमार आर्मी में, बहादुरडीह के कुंदन पासवान, गोल्हा के अशोक यादव एवं अजीत कुमार यादव सीआरपीएफ में और तेंदुई के सुरेंद्र यादव बीएसएफ में बहाल होकर देश की सेवा कर रहे हैं।

    मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत के सुबोध कुमार, खुटीडीहा के सुबोध राम सीआरपीएफ में, चिल्हमी के राजबलम कुमार, जमुनिया के जमाहिर कुमार सीआइएसएफ में, सिरौंधा के शशि कुमार आर्मी में, पिछलुलिया के राहुल कुमार, चिल्हमी की सिंपी कुमारी, आजन की प्रीति कुमारी, हसनबार की गुड़िया कुमारी, दक्षिणी उमग की संजू कुमारी, उत्तरी उमगा की मधु कुमारी व लोहरसी के भानू कुमार बिहार पुलिस में शामिल होकर देश व राज्य की सेवा कर रहे हैं।

    खत्म हुआ लाल आतंक, शिक्षा से संवर रही जिंदगी

    पहले से माहौल बदला है। युवाओं के साथ युवतियां भी बड़ी संख्या में फौज में जाने के लिए तैयारी कर रही हैं। बड़ी संख्या में चयन हो रहा है। आने वाले समय में माहौल और बेहतर होगा। वैसे भी इस इलाके में कैंप लगाकर विकास किया जा रहा है।

    -कुमुद रंजन, बीडीओ मदनपुर, औरंगाबाद

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    पहले से शिक्षा का स्तर बढ़ा है। युवाओं को समझ आ गया है कि नक्सल नहीं देशसेवा करने की जरूरत है। नक्सलियों के डर से पहले युवा सेना में नहीं जाते थे। अब सेना एवं अर्द्धसैनिक बल में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं।

    -बीजेंद्र कुमार यादव, मुखिया ग्राम पंचायत दुलारे, देव, औरंगाबाद