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    औरंगाबाद में बन रहा है ट्रामा सेंटर, 9.64 करोड़ रुपये होंगे खर्च, मिलेगी सुविधाएं

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 11:33 AM (IST)

    औरंगाबाद में 9.64 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया है। यह सेंटर करहारा गांव के पास जीटी रोड पर बन रहा है और एक साल में पूरा होने की उम्मीद है। इसमें आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर और सामान्य बेड होंगे। 

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    ट्रामा सेंटर का चल रहा निर्माण कार्य। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। औरंगाबाद के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर का निर्माण प्रारंभ हो गया है।

    औरंगाबाद प्रखंड करहारा गांव के समीप जीटी रोड किनारे इसका निर्माण कराया जा रहा है। 9 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से इस ट्रामा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है।

    छह अक्टूबर 2025 को इसका निर्माण प्रारंभ किया गया है। एक वर्ष में इस कार्य को समाप्त कर देना है। छह अक्टूबर 2026 तक ट्रामा सेंटर का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। लंबे समय से इसकी मांग उठ रही थी जिसे अब धरातल पर उतारा जा रहा है।

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    प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की मानें तो ट्रामा सेंटर तैयार होने के बाद जिले के हजारों मरीजों को त्वरित और बेहतर उपचार मिल सकेगा। सड़क हादसों, गंभीर चोटों और इमरजेंसी मेडिकल स्थितियों में यह केंद्र जीवनदायिनी साबित होगा। करहारा में बनने वाला यह ट्रामा सेंटर आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षित चिकित्सकों और उन्नत मशीनों से लैस होगा।

    बिहार चिकित्सा सेवा एवं अवरसंरचना निगम लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक शुभम कुमार ने बताया कि यह भवन दो मंजिला होगा। नौ करोड़ 64 लाख की लागत से इसका निर्माण कराया जा रहा है। 10 बेड का आईसीयू होगा। दो ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। समान्य बेड 20 रहेगा। यह ट्रामा सेंटर पूरी तरह अत्याधुनिक होगा।

    ट्रामा सेंटर के बनने से जिले में गंभीर दुर्घटना, तेज ब्लीडिंग, सिर या रीढ़ की चोटें, हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में तुरंत इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। अब तक गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना, गया अथवा बड़े निजी अस्पतालों में भेजना पड़ता था, जिससे बहुमूल्य समय नष्ट होता था।

    लोगों को मिलेगी सुविधाएं

    ट्रामा सेंटर बन जाने से मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां गंभीर मरीजों को आसानी से उपचार हो सकेगा। कई मामलों में देर हो जाने के कारण मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती थी। लेकिन नए ट्रामा सेंटर के शुरू होने के बाद ऐसे मरीजों को गोल्डेन आवर के भीतर इलाज मिल सकेगा, जिससे जीवन बचाने की संभावना कई गुना बढ़ेगी।

    बताया कि केंद्र में 24 घंटे स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसी भी गंभीर स्थिति में मरीज को तुरंत इलाज मिल सके। बता दें कि जिले में हर साल सैकड़ों सड़क दुर्घटना के मरीज आते हैं जिनमें गंभीर रूप से घायल लोगों को समय पर समुचित इलाज न मिल पाने की वजह से कई बार जान तक चली जाती है।

    ट्रामा सेंटर शुरू होने के बाद ऐसे मरीजों को स्वर्णिम समय (गोल्डन आवर) के भीतर इलाज देना संभव होगा। अधिकारियों का मानना है कि इससे मृत्यु दर में कमी आने के साथ ही गंभीर मामलों में रिकवरी की संभावना भी बढ़ेगी। ट्रामा सेंटर के शुरू होने से न सिर्फ औरंगाबाद, बल्कि समीपवर्ती जिलों के मरीजों को भी राहत मिलेगी।

    अभी गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अक्सर गया, पटना या अन्य बड़े शहरों के अस्पतालों में भेजना पड़ता है, जिससे समय भी ज्यादा लगता है और परिजनों पर वित्तीय बोझ भी बढ़ता है। नए सेंटर के कार्यरत हो जाने पर मरीजों को जिले में ही बेहतर और किफायती उपचार उपलब्ध होगा।

    इससे रेफरल पर निर्भरता कम होगी और जिला अस्पताल पर विश्वास भी बढ़ेगा। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में भी ट्रामा सेंटर को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। कई सामाजिक संगठनों ने कहा है कि यह परियोजना जिले की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए मिल का पत्थर साबित होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इसे जल्द से जल्द जनता को समर्पित करे।

    औरंगाबाद में बन रहा यह ट्रामा सेंटर स्वास्थ्य सेवाओं के नए युग की शुरुआत करेगा। सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में यह केंद्र हजारों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिले के लोगों को लंबे समय से जिस अत्याधुनिक सुविधा का इंतजार था, वह अब जल्द ही उन्हें मिलने वाली है।