Aurangabad:अस्पताल में नहीं थी जांच सुविधा, खबर छपने पर व्यवस्था, डेंगू से छात्रा की पटना में मौत, छह पीड़ित
पहले अनुमंडल अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित की गई। जिसके बाद 12 बेड का डेंगू वार्ड और जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई। छात्रा की मौत पटना में डेंगू से हो गई। अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक समेत छह डेंगू से पीड़ित हैं।

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : डेंगू अब जानलेवा बनते जा रहा है। एक छात्रा की मौत डेंगू के कारण हुई। ताजा स्थिति यह है कि अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राजेश कुमार सिंह समेत छह डेंगू से पीड़ित हैं। सभी इलाज अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के अनुसार भखरुआं-गया रोड निवासी 15 वर्षीय छात्रा की मौत डेंगू के कारण हुई है। उसका इलाज पटना कराया जा रहा था, लेकिन बचाया नहीं जा सका। बताया गया कि इलाज के सोमवार को उसकी मृत्यु हो गई। इधर तीन दिन में शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है।
छह डेंगू पीड़ितों में उपाधीक्षक भी शामिल
स्वास्थ्य प्रबंधक ठाकुर चंदन सिंह ने बताया कि 13 से 18 अक्टूबर के बीच 15 मरीजों की जांच हुई, जिसमें छह डेंगू पीड़ित निकले। इनमें स्वयं उपाधीक्षक डा. राजेश कुमार सिंह शामिल हैं। इनके अलावा चंदन कुमार, रीना कुमारी, निखिल कुमार, दीपा कुमारी और रविंद्र कुमार शामिल हैं। यह सिर्फ अनुमंडल अस्पताल से जुड़ा आंकड़ा है। वास्तविकता यह है कि अभी बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अनुमंडल अस्पताल में इसकी सुविधा उपलब्ध है। काफी लोग निजी अस्पतालों में इलाज व पैथो लैब में जांच करा रहे हैं।
दैनिक जागरण में खबर हुई थी प्रकाशित
डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू के मद्देनजर अनुमंडल अस्पताल में पूरी व्यवस्था उपलब्ध है। जांच की सुविधा के साथ 12 बेड का डेंगू वार्ड तैयार है। सभी बिस्तर पर मच्छरदानी लगाया गया है। दवा उपलब्ध है। प्रचुर मात्रा में पानी के अलावा नर्स और बड़ी संख्या में चिकित्सक उपलब्ध हैं। महत्वपूर्ण है कि पहले अनुमंडल अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस संबंध में दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित की गई। जिसके बाद 12 बेड का डेंगू वार्ड और जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
जलजमाव और गंदगी के कारण बढ़ी समस्या
डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि बरसात के तुरंत बाद जलजमाव, गंदगी, लारवा की उत्पत्ति और मच्छरों का बढ़ना सब मिलाकर अलग-अलग बीमारियां पैदा करती हैं। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों का फैलाव होता है। इसलिए जरूरी है कि पानी का जलजमाव नहीं होने दें। घरों के आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और फागिंग होते रहना चाहिए।बचाव के लिए जरूरी है यह करनाडा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से बचने के लिए सतर्कता आवश्यक है। मच्छरदानी के साथ मच्छर भगाने वाले लिक्विड, क्वायल या अगरबत्ती का इस्तेमाल जरूर करें। पूरे बांह का कपड़ा एवं जूते पहनें। साफ पानी का इस्तेमाल करें। घर या कूलर में कहीं भी पानी जमने न दें। घर के चारों तरफ गंदगी या गंदा पानी कतई न जमने दें।
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