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    दो कमरों में चल रहा स्कूल, ठिठुरन भरी ठंड में जमीन पर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर बच्चे

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 05:55 PM (IST)

    औरंगाबाद के देव प्रखंड के एक प्राथमिक विद्यालय खडीहा में संसाधनो की कमी के कारण छात्रों को ठिठुरन भरी ठंड में जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर ...और पढ़ें

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    दो कमरों में चल रहा स्कूल

    गंगा भास्कर, देव (औरंगाबाद)। गांवों में स्थित विद्यालयों की स्थिति नहीं सुधर रही है। संसाधन के अभाव के कारण विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को परेशानी हो रही है। हद यह कि अब भी सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राएं जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। 

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    देव प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय खडीहा का अपना भवन नहीं है। वर्ष 1973 में विद्यालय खुला था। स्थापना काल से यह विद्यालय दो कमरे में चल रहा है। कमरे का अभाव है जिस कारण छात्र-छात्राएं एक ही कमरे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। 

    दो वर्ग के छात्र-छात्राएं बरामदा में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। ठंड के इस मौसम में तेज हवा के बीच बरामदा में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। ठिठुरन पैदा करने वाली ठंड से सभी परेशान हैं। जमीन पर बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक पढ़ाई होती है। 

    विद्यालय में तीन शिक्षक पदस्थापित 

    शुक्रवार को जब जागरण प्रतिनिधि विद्यालय पहुंचे तो विद्यालय में बच्चों की प्रार्थना चल रही थी। विद्यालय की प्रधान शिक्षिका नंदिनी कुमारी, सहायक शिक्षक अमृत राज उपस्थित दिखे। प्रधान शिक्षक ने बताया कि विद्यालय में कुल तीन शिक्षक पदस्थापित हैं। एक शिक्षक छुट्टी पर हैं। 

    विद्यालय में कुल 75 छात्र-छात्राओं का नामांकन है।प्रतिदिन लगभग 60 छात्र-छात्राएं विद्यालय आते हैं। विद्यालय का अपना भवन न होने के कारण परेशानी होती है। दो कमरे में विद्यालय चल रही है। एक कमरे में कार्यालय चल रहा है। एक कमरे में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। 

    ग्रामीणों ने सरकार को दान किया जमीन

    पास में लगे तीन चापाकल बंद पड़ा है। एक चापाकल से पानी निकलता है। पानी के लिए छात्रों को परेशानी होती है। प्रधान शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय की समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। 

    ग्रामीण सह पूर्व वार्ड सदस्य रामकेवल सिंह एवं हिमांशु सिंह ने बताया कि विद्यालय भवन निर्माण के लिए 24 डिसमिल भूमि ग्रामीणों ने सरकार को दान किया है। जमीन की मापी कराकर चिन्हित किया गया है परंतु अब तक भवन का निर्माण नहीं किया गया है। अगर भवन बन जाए तो विद्यालय में छात्र-छात्राओं की संख्या दोगुनी हो जाएगी।