कम मुआवजे के डर से ग्रामीणों ने रोका रिंग रोड का काम, अधिग्रहण प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल
औरंगाबाद के देव में बनने वाली फोरलेन सड़क और रिंग रोड निर्माण की योजना जमीन अधिग्रहण और मुआवजा विवाद के कारण फंस गई है। किसानों को कम मुआवजा मिलने की ...और पढ़ें

ग्रामीणों ने रोका रिंग रोड का काम
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। देव में बनने वाली फोरलेन सड़क और रिंग रोड निर्माण की योजना जमीन अधिग्रहण और मुआवजा विवाद के कारण फंस गया है। स्थिति यह है कि निविदा प्रकाशन के बाद जब तय समय-सीमा में कार्य पूरा करने का दबाव बढ़ा, तो जमीन अधिग्रहण के दौरान किसानों के विरोध के कारण मापी का काम रुक गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि तत्कालीन डीएम श्रीकांत शास्त्री के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग द्वारा बिना जमीन अधिग्रहण किए दोनों सड़कों के निर्माण की निविदा निकाल दी गई। अब निविदा जारी होने और समय-सीमा तय होने के बाद विभागीय अधिकारी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। इसी दौरान मुआवजा की दर को लेकर किसानों में आक्रोश हो गया है।
किसानों को कम मुआवजा मिलने की आशंका
देव प्रखंड के भवानीपुर गांव में ग्रामीणों ने रिंग रोड के लिए की जा रही जमीन की मापी रोक दिया है। ग्रामीण रत्नाकर सिंह और शिवपूजन सिंह ने कहा कि सड़क किनारे स्थित जमीन जो व्यवसायिक प्रकृति की है, लेकिन मुआवजा तय करने के लिए उसे धनहर (कृषि भूमि) दिखाकर मापी की जा रही है। इससे किसानों को कम मुआवजा मिलने की आशंका है।
ग्रामीणों ने कहा कि अंचलाधिकारी द्वारा 19 मार्च 2025 को जमीन से संबंधित जो रिपोर्ट जिला प्रशासन और पथ निर्माण विभाग को भेजी गई थी, उसमें उक्त भूमि को आवासीय दर्शाया गया है। बाद में उसी जमीन को तत्कालीन डीएम के समय जिला प्रशासन द्वारा धनहर बताकर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
किसानों ने कहा कि मापी और अधिग्रहण सीओ की रिपोर्ट के आधार पर किया जाए। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान दोनों सड़कों के निर्माण की कैबिनेट से स्वीकृति मिली है।
एक किमी फोरलेन व आठ किमी की रिंग रोड का होना है निर्माण
देव सूर्यकुंड तालाब से निर्माणाधीन स्टेट हाइवे-101 तक प्रगति पथ के नाम से चार लेन सड़क निर्माण होना है। करीब एक किलोमीटर लंबी इस सड़क पर 1006.61 लाख रुपये की लागत आएगी और इसकी समय-सीमा नौ माह निर्धारित की गई है।
दूसरी योजना देव रिंग रोड से जुड़ी है, जिसकी लंबाई लगभग 8.60 किलोमीटर है। यह सड़क दो लेन की होगी और पक्के शोल्डर के साथ बनाई जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 4661.55 लाख रुपये है। इसे पूरा करने की अवधि 18 माह तय की गई है।
कहती हैं डीएम
जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित विकास योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर कराना है। देव रिंग रोड के मामले में किसानों की समस्याओं को गंभीरता से देखा जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।