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    विधायक बदले, पर नहीं बदला सड़क का हाल, 20 साल से इंतजार में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 04:46 PM (IST)

    औरंगाबाद के हसपुरा से देवकुंड जाने वाली सड़क की हालत 20 सालों से खराब है जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और सरकार से जल्द कार्यवाही करने की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। Aurangabad news में सड़क निर्माण की मांग जोरों पर है।

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    औरंगाबाद: हसपुरा-देवकुंड सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों का प्रदर्शन। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, हसपुरा (औरंगाबाद)। हसपुरा से देवकुंड को जानेवाली मुख्य सड़क त्रिसंकट तक जर्जर है। वर्षा होने पर आवागमन बंद हो जाता है। 20 वर्षों से सड़क बदहाल है, लेकिन निर्माण की दिशा में काम नहीं हो सका।

    पांच वर्ष में विधायक बदलते गए परंतु हसपुरा-देवकुंड पथ नहीं बना। सड़क निर्माण को लेकर इस इलाके के सैकड़ों ग्रामीणों ने हसपुरा में सोमवार को प्रदर्शन किया। हमारी मांगे पूरी करो के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं है।

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    हसपुरा उच्च विद्यालय खेल मैदान से निकला प्रदर्शन बस स्टैंड, पटेल चौक होते हुए बाजार में भ्रमण किया। पटेल चौक पर टायर जलाकर विरोध जताया और हसपुरा बाजार की दुकानें बंद कराया। प्रदर्शन में शामिल राहुल कुमार, विकास कुमार, विजयंत मौर्या, अंकित पटेल एवं किशोर कुमार ने कहा कि अगर चुनाव से पहले सड़क में कार्य नहीं लगा तो हमलोग चुप नहीं रहेंगे। आंदोलन को तेज करेंगे।

    लोकतंत्र में हमारी आस्था है, लेकिन हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे। सड़क के लिए 14 सितंबर से आंदोलन प्रारंभ है। हम लोग कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। इसी रास्ते हसपुरा से अमझरशरीफ एवं देवकुंड श्रद्धालु जाते हैं।

    सड़क का अस्तित्व मिट चुका है। बरसात में जब वर्षा होती है तो सड़क का अस्तित्व ढूंढना पड़ता है। सड़क पर इतने बड़े गड्ढे उभर आए हैं कि वर्षा होने पर तालाब बन जाता है। बरसात के अलावा गड्ढे में हमेशा पानी भरा होता है।

    जलजमाव के कारण सड़क और खतरनाक साबित होती है। एंबुलेंस वाले इस रोड में आने से इंकार करते हैं। मांग पर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। जब चुनाव का समय आता है तब इस रोड को बनवाने का झूठा आश्वासन दिया जाता है।