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    औरंगाबाद के लोगों की बल्ले-बल्ले! ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित होगी 300 हेक्टेयर जमीन, पढ़ें डिटेल

    Updated: Tue, 15 Oct 2024 04:31 PM (IST)

    भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए औरंगाबाद जिले में करीब 300 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। सड़क निर्माण कराने वाली कंपनी अंबा के एरका ने कॉलोनी के पास धनीबार गांव में अपना कैंप लगा दिया है। सड़क निर्माण की सभी मशीनें कैंप में खड़ी की गई है।

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    औरंगाबाद में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए 300 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। वाराणसी से कोलकाता तक भारत माला परियोजना के तहत बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जिले में करीब 300 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। सड़क निर्माण कराने वाली कंपनी अंबा के एरका ने कॉलोनी के पास धनीबार गांव में अपना कैंप लगा दिया है। सड़क निर्माण की सभी मशीनें कैंप में खड़ी की गई है। कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि जैसे ही जिला प्रशासन द्वारा जमीन मिलेगी कार्य शुरू किया जाएगा।

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    बकास्त और गैरमजरुआ (जीएम) जमीन का मांग रहे मुआवजा

    बकास्त और जीएम जमीन के मुआवजा के लिए किसान अंचल कार्यालय से लेकर जिला भू-अर्जन और डीएम कार्यालय का दौड़ लगा रहे हैं। बकास्त और जीएम जमीन की मुआवजा के लिए किसान देव, कुटुंबा और नबीनगर अंचल कार्यालय में आवेदन दिए हैं। धनीबार समेत कई गांवों के किसान मगध आयुक्त के न्यायालय में मुआवजा दर को लेकर वाद दायर किए हैं। आयुक्त के द्वारा वाद में उचित मुआवजा देने का फैसला दिया गया है।

    किसानों के अनुसार, जिस बकास्त और जीएम जमीन पर 30 से 40 वर्षों से कब्जा है उस जमीन को वे जोत रहे हैं तो मुआवजा मिलनी चाहिए। जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जमीन का रैयतीकरण किया गया होगा उसका मुआवजा मिलेगा। अंचलों के सीओ किसानों को बता रहे हैं कि बकास्त और जीएम जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा।

    बिराज बिगहा गांव के बीरेंद्र पांडेय ने कहा कि बकास्त और जीएम जमीन का मुआवजा किसानों को मिलना चाहिए। खतियानी जमीन का मुआवजा वर्तमान एमवी दर से मिलना चाहिए। बिना मुआवजा के जमीन पर प्रशासन के द्वारा कब्जा करने से किसान आक्रोशित हैं। देव सीओ दीपक कुमार के अनुसार बकास्त और जीएम जमीन की मुआवजा को लेकर जिन किसानों ने आवेदन दिए हैं सभी का आवेदन रैयतीकरण को लेकर एलआरडीसी और एडीएम के पास भेजा गया है।

    देव के चार गांवों की ली जा रही जमीन

    देव प्रखंड सह अंचल के बारा, बरंडा, रामपुर और पचमो गांव के किसानों की जमीन ली जा रही है। कुटुंबा के 33 गांवों में अधिग्रहण की जा रही जमीन कुटुंबा के बलिया, बरौली, बरहेता, बसौरा, भखरा, भलुआड़ी कला, चकुआ, दरियापुर, डेहरी, देसपुर, देउरिया, धनीबार, एरका, डुमरी,घुघी, जगदीशपुर, झरहा, जोड़ा, करमडीह, कठरी, महसू, मंझौली, नरेंद्र खाप, ओर, परसा, पतीला, पिपरा, रामपुर, रसोइया, सिंघना, सोनबरसा और तमसी गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है।

    नबीनगर के 17 गांवों की ली जा रही जमीन

    नबीनगर के बेलौटी, बेनी, डिहरी, इटवां, झांझी, झरहा, कंकेर, लेरुआ, महुआंव, मिश्र बिगहा, पचमो, पांडेय करमा, परसा, साया, सिमरा दुसाध, समरी धमनी, तेतरहट गांव में जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।

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