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    आजादी के दीवानों की शरणस्थली नगला का बंगला बना खंडहर

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 09 May 2022 11:00 PM (IST)

    देश को गुलामी के बंधन से मुक्त कराने को लेकर जगह जगह पर योजनाएं बनाई जाती थीं। अरवल जिले के किजर के समीप नगला गांव में भी अंग्रेज के दांत खट्टे करने क ...और पढ़ें

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    आजादी के दीवानों की शरणस्थली नगला का बंगला बना खंडहर

    अरवल । देश को गुलामी के बंधन से मुक्त कराने को लेकर जगह जगह पर योजनाएं बनाई जाती थीं। अरवल जिले के किजर के समीप नगला गांव में भी अंग्रेज के दांत खट्टे करने को स्वतंत्रता आंदोलन के दीवाने एकत्रित होते थे। दरअसल, इस इलाके के जमींदार के बेटे मलिक शहादत हुसैन महात्मा गांधी के सहपाठी थे। कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान बापू के संपर्क में आने से हुसैन साहब आजादी के दीवानों में शामिल हो गए थे। पढ़ाई पूरी कर जब हुसैन साहब अपने गांव लौटे तो अपने पुश्तैनी मकान जिसे नगला का बंगला के रूप में जाना जाता था, उसे आजादी के दीवानों के नाम कर दिया था। उनके द्वारा इस इलाके में आजादी की मुहिम छेड़ी गई। इस मुहिम को गति देने के उद्देश्य से हुसैन साहब के आग्रह पर यहां महात्मा गांधी, डा राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरूल हक जैसे महान नेता पहुंचे थे और लोगों को संगठित कर मां भारती को स्वतंत्र करने के तहत बड़ा संगठन खड़ा किया था। आजादी की पटकथा लिखने में इस भवन का अहम योगदान रहा, लेकिन स्वतंत्र भारत में इसकी बदहाली लंबे समय से जारी है। भवन के साथ-साथ हुसैन साहब का 20 बीघा जमीन 2005 तक नक्सलियों की गिरफ्त में रहा। 2005 में जब बिहार में सत्ता परिवर्तित हुआ तो इस बंगले के साथ-साथ इसकी जमीन को नक्सली की गिरफ्त से मुक्त कराई गई। आज यहां हुसैन साहब के परिजन नहीं रहते, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्षणों को अपने अंदर सहेज कर रखने वाला नगला का बंगला खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। इसी बंगले में जन्म ली थी रुखसाना, जो बनी पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी स्वतंत्रा आंदोलन के महान धरोहर होने का दावा तो यह बंगला करता ही है साथ ही साथ यह दो देशों के संबंधों को भी जोड़ता है। हुसैन साहब की भतीजी रुखसाना की शादी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज से हुई थी। इस तरह से यह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री का ससुराल भी रहा है। लंबे समय से भारत-पाकिस्तान के खराब रिश्ते को पाटने में यह बंगला किसी पारिवारिक संबंध से कम अहम भूमिका नहीं निभा सकता है।

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