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    Bihar: अरवल के कलेर में तिलक समारोह में विषाक्त भोजन खाने से 100 लोग बीमार, मेडिकल कैंप लगाकर किया जा रहा इलाज

    By Abhishek kumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sun, 12 Feb 2023 06:00 PM (IST)

    Food Poisoning In Arwal अरवल जिले के मेहंदिया थाना क्षेत्र के बेलदार गांव में शनिवार की रात को तिलक समारोह में खाना खाने के बाद सभी अपने घर को लौट गए लेकिन रात 3 बजे से लोगों की तबीयत बिगड़ने के मामले सामने आने पर गांव में हड़कंप मच गया।

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    रात 3 बजे से लोगों की तबीयत बिगड़ने के मामले सामने आने पर गांव में हड़कंप मच गया।

    कलेर (अरवल), संवाद सहयोगीमेहंदिया थाना क्षेत्र के बेलदार गांव में शनिवार की रात एक तिलक समारोह में विषाक्त भोजन खाने से गांव के ही करीब 100 लोग बीमार हो गए। भोज खाकर लौटे लोग रविवार की सुबह अचानक उल्टी व सिरदर्द से परेशान हो गए।

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    एक-एक कर सभी लोगों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलेर ले जाया गया। इससे पूरे गांव में अफरा-तफरी व कोहराम मच गया। अपने-अपने परिवार के सदस्य को लेकर लोग अस्पताल की ओर भागे, जहां चिकित्सकों ने सभी का इलाज शुरू किया। कई लोगों ने निजी अस्पताल की ओर रुख किया है। इलाज के उपरांत बीमार लोगों की हालत में सुधार आया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

    75 लोगों का कैंप में किया गया इलाज

    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक अशरफ कमाल ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही गांव के पंचायत भवन में स्वास्थ्य कैंप लगाकर बारी-बारी से लोगों का इलाज किया गया। 75 लोगों का इलाज कैंप में किया गया। इसके अलावा 25 से ज्यादा लोग अस्पताल पहुंचे थे, जहां इलाज कर सभी को दवा दी गई। सभी लोग खतरे से बाहर हैं। नारायण शर्मा, चंदन मिश्रा, धनंजय शर्मा, अजय शर्मा, सुनील शर्मा सहित अन्य लोगों का इलाज किया गया।

    भोज में पूड़ी-सब्जी व पुलाव का था इंतजाम

    बेलसार गांव में शनिवार की रात को सिद्धनाथ साव के पुत्र गौतम कुमार का तिलक समारोह था। भोज में पूड़ी-सब्जी व पुलाव का इंतजाम था। भोज खाने के बाद रविवार की अल सुबह तीन बजे से लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी व सिरदर्द की शिकायत होने पर बीमार लोगों को अस्पताल ले जाया गया।

    साथ ही तत्काल इसकी सूचना स्वास्थ्य प्रबंधक अशरफ कमाल को दी गई। स्वास्थ्य प्रबंधक ने चिकित्सकों की टीम को तुरंत गांव भेजा, जहां कैंप लगाकर लोगों का आनन-फानन इलाज शुरू किया गया। दोपहर तक इलाज के लिए लोग कैंप व अस्पताल आते रहे।

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