प्राचीन देवी मंदिर स्थापत्य काल का है अनुपम उदाहरण
अरवल। दर्जनों गांव की आस्था का केंद्र स्थानीय बाजार अवस्थित प्राचीन देवी मंदिर में रविवार को दुर्गापूजा के महा अष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
अरवल। दर्जनों गांव की आस्था का केंद्र स्थानीय बाजार अवस्थित प्राचीन देवी मंदिर में रविवार को दुर्गापूजा के महा अष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के भारी भीड़ उमड़ पड़ी। प्राचीन देवी मंदिर में स्थापित देवी मईया के वेदिओ पर रविवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना में जुटे थे ।यूं तो पूरे नवरात्रा के दौरान उक्त मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं लेकिन रविवार के दिन महाअष्टमी होने के कारण महिला भक्तों की भीड़ देखी गई। इस दौरान मंदिर परिसर में संकीर्तन का भी आयोजन किया गया ।
स्थानीय बाजार अवस्थित प्राचीन देवी मंदिर की गिनती काफी पुराने मंदिरों में से होती है। इसके स्थापत्य काल के कोई प्रमाणिक जानकारी लोगों के पास नहीं है लेकिन पूर्वजों का कहना हैकि 400 से 500 साल पुराना इसका इतिहास है।जिसका समय समय पर जीर्णोद्धार व पुनर स्थापन किया गया था।इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है और मंदिर के बारे में लोग मनोकामना मंदिर के रूप में जानते हैं ।श्रद्धालुओं का मानना है कि अगर मंदिर में सच्चे मन से कोई भी भक्त कुछ भी मांगता है तो उसकी मुरादें मां पूरी करती है ।इसी कारण उक्त मंदिर में श्रद्धालुओं की हमेशा भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रा के समय श्रद्धालुओं की भी अधिक बढ़ जाती।
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