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    Raniganj Election 2025: रानीगंज में मुस्लिम-महादलित वोटर निर्णायक, इस बार कौन मारेगा बाजी?

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 04:00 PM (IST)

    अररिया जिले के रानीगंज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल तेज है। यहां मुस्लिम और महादलित मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है, क्योंकि इनकी संख्या सबसे अधिक है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 2020 के चुनाव में जदयू के अचमित ऋषिदेव ने राजद के अविनाश मंगला को हराया था। सबकी निगाहें इस बार के चुनाव पर टिकी हैं।

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    रानीगंज में मुस्लिम-महादलित वोटर निर्णायक

    अफसर अली, अररिया। रानीगंज विधानसभा (Raniganj Seat Election 2025) में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। प्रत्याशी गांव-गांव घूमकर लोगों को अपनी तरफ रिझाने में जुटे हैं, लेकिन सभी की निगाहें सबसे अधिक मुस्लिम व महादलित मतदाताओं पर है।

    इस विधानसभा में सबसे अधिक वोट मुस्लिम व महादलित मतदाताओं के हैं। वोटिंग प्रतिशत भी इन दोनों जातियों का अधिक होता है। यह विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

    रानीगंज विधानसभा में रानीगंज प्रखंड के 30 ग्राम पंचायत व एक नगर पंचायत और भरगामा प्रखंड के बीरनगर पूर्वी, बीरनगर पश्चिमी, धनैश्वरी, हरिपुर कला, खूथा बैजनाथपुर, नया भरगामा और विषहरिया कुल सात पंचायत शामिल है। यह सीट वर्ष 1957 में अस्तित्व में आया था और अब तक 16 विधानसभा चुनाव देख चुकी है।

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    रानीगंज विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3,41,487 है। इसमें पुरुष मतदाता 1,76,731और महिला मतदाताओं की संख्या 1,64,731 है। इसमें सबसे अधिक करीब एक लाख दस हजार मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर महादलित मतदाता है। जिसकी संख्या 80 हजार से अधिक है। जो चुनाव परिणाम को बदलने का दमखम रखते हैं।

    इसके अलावा, यादव करीब 45 हजार, पिछड़ा, दलित, सवर्ण सहित अन्य जातियों की आबादी है। भरगामा प्रखंड के बीरनगर पूर्वी, बीरनगर पश्चिमी, रानीगंज प्रखंड के बिस्टोरिया, नंदनपुर, मिर्जापुर, छतियौना, धामा, मोहनी, फरकिया, धोबियां समेत करीब एक दर्जन पंचायतों में अन्य जातियों के वोटर की तुलना में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है।

    जो कैंडिडेट यहां के बहुसंख्यक वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब होते हैं, उसी की जीत पक्की मानी जाती है। यहां से जनता दल और जदयू दो-दो बार जीती है, वहीं निर्दलीय उम्मीदवार भी दो बार विजयी रहे हैं।

    जनता पार्टी और राजद ने एक-एक बार जीत हासिल की है। भाजपा तीन कार्यकाल तक यहां काबिज रही, लेकिन 2015 में जदयू से 14,930 मतों के अंतर से हार गई। 2020 में जदयू के अचमित ऋषिदेव ने राजद के अविनाश मंगला को 2,304 मतों के मामूली अंतर से हराकर सीट बरकरार रखी।

    जातियों की संख्या प्रतिशत (करीब) में -

    • अनुसूचित जाति- (20.03)
    • अनुसूचित जनजाति- (3.90)
    • मुस्लिम मतदाता-(31.40)

    वोटिंग प्रतिशत

    • 2020 में मतदान- 55.35 प्रतिशत
    • 2015 में मतदात- 56.98 प्रतशित